मनोज जैसवाल:आईएसआई प्रमुख पासा दे सकते हैं इस्तीफा | |||||||||
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आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं.
ऐबटाबाद स्थित एक प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठान के पास ओसामा बिन लादेन के मारे जाने पर पाकिस्तान की हुई व्यापक आलोचना के मद्देनजर आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं.
एक मीडिया रिपोर्ट में आज इस बात का दावा किया गया है.
न्यूजवीक पत्रिका से जुड़े एक समाचार वेबसाइट ‘द डेली बीस्ट’ ने वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से बताया है, ‘‘पाशा अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं क्योंकि पाकिस्तान सरकार को अलकायदा सरगना ओसामा को लेकर हुई गड़बड़ियों के लिए एक बलि का बकरा चाहिए.’’
वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा, ‘‘उनका मानना है कि एक अहम पद पर आसीन व्यक्ति को अपना पद गंवाना होगा और ऐबटाबाद में दुनिया के सर्वाधिक वांछित आतंकवादी की मौजूदगी को लेकर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय नाराजगी को जल्द ही कम करना होगा.’’
गौरतलब है कि ऐबटाबाद पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के पास स्थित है.
अधिकारी ने बताया, ‘‘इस बात की प्रबल संभावना है कि जिस व्यक्ति को बलि का बकरा बनाया जाएगा, वह लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा हैं.’’
पाकिस्तान के रक्षा विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) तलत मसूद ने कहा कि यह पाशा के व्यक्तिगत और राष्ट्रीय हित में है कि वह इसकी जिम्मेदारी ले.
मसूद के हवाले से बताया गया है, ‘‘अवाम नाराज है. वे इसे सेना की गलती के रूप में देखते हैं, जिसपर उन्होंने बहुत भरोसा किया है.’’
इसबीच, आईएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वह इस खबर की पुष्टि नहीं कर सकते हैं और उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि पाशा पर इस्तीफा देने के लिए दबाव डाला जा रहा है.
अधिकारी ने बताया, ‘‘यह रूटीन से हटकर है कि कोई व्यक्ति नाकामियों को लेकर इस्तीफा दे. लेकिन किसी तो जाना ही होगा.’’
एक पूर्व आईएसआई अधिकारी ने कहा, ‘‘पाकिस्तानी खुफिया विभाग की यह एक बड़ी नाकामी है और शर्मिंदगी की बात है. पाशा पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बढ़ रहा है.’’
मसूद और वरिष्ठ पकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि पाशा का इस्तीफा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो सुके विास को दुरूस्त करने की प्रक्रि या में पहला कदम हो सकता है.
मसूद ने कहा, ‘‘यह बहुत ज्यादा दबाव को कम कर सकता है.’’
यह सेना और आईएसआई की बुरी तरह से धूमिल हुई छवि को ठीक कर सकता है.
पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि पाशा आईएसआई के शीर्ष पद को लेकर कभी भी इच्छुक नहीं थे क्योंकि खुफिया विभाग की उनकी पृष्ठभूमि नहीं थी. हालांकि वह कयानी के बहुत करीबी थे और उन्होंने वर्ष 2008 में सेना प्रमुख बनने के बाद पाशा को इस पद नियुक्त करने की बात पर जोर डाला था.
manojjaiswalpbt@gmail.com
शुभागमन...!
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nice blog
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