मनोज जैसवाल : नई दिल्ली: पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों के एक बार फिर बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं.
वित्त मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों पर फैसला करने के लिए अधिकार
प्राप्त मंत्रियों के समूह यानी ईजीओएम की बैठक शुक्रवार को होनी है.
आशंका है कि तेल कंपनियों के घाटे को कम करने के लिए डीजल और रसोई गैस की कीमतें बढ़ाई जा सकती हैं.
रसोई गैस की कीमत 25 रुपए प्रति सिलेंडर जबकि डीजल तीन रुपए प्रति लीटर बढ़ाए जाने पर विचार हो रहा है.
माना जा रहा है कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने डीजल के दाम बढ़ाने और उसके विनियंत्रण समेत कई मुद्दों पर अपनी राय दी है.
फिलहाल सरकारी तेल कंपनियों को एक लीटर डीजल पर 15.44 रुपए का नुकसान उठाना पड़ता है. कंपनियों की राय है कि इस घाटे को तीन हिस्सों में बांटा जाए जिनमें एक हिस्सा उपभोक्ताओं पर डाला जाए, एक हिस्सा तेल पर कस्टम ड्यूटी खत्म करके पूरा किया जबकि एक हिस्से का भार ओएनजीसी पर डाला जाए.
सूत्रों का कहना है कि तेल मंत्रालय कच्चे तेल के आयात पर कस्टम ड्यूटी खत्म करने के पक्ष में है.
ग़ौरतलब है कि मध्य मई में सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दामों में पांच रुपए प्रति लीटर बढ़ाया था.
मनमोहन सिंह के दोबारा प्रधानमंत्री चुने जाने से लेकर अब तक पेट्रोल की कीमतों में 23 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो चुका है. यानी सिंह को दोबारा पीएम चुने जाने के बाद पेट्रोल पहले की तुलना में 55 फीसदी महंगा हो चुका है.
वित्त मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों पर फैसला करने के लिए अधिकार
प्राप्त मंत्रियों के समूह यानी ईजीओएम की बैठक शुक्रवार को होनी है.
आशंका है कि तेल कंपनियों के घाटे को कम करने के लिए डीजल और रसोई गैस की कीमतें बढ़ाई जा सकती हैं.
रसोई गैस की कीमत 25 रुपए प्रति सिलेंडर जबकि डीजल तीन रुपए प्रति लीटर बढ़ाए जाने पर विचार हो रहा है.
माना जा रहा है कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने डीजल के दाम बढ़ाने और उसके विनियंत्रण समेत कई मुद्दों पर अपनी राय दी है.
फिलहाल सरकारी तेल कंपनियों को एक लीटर डीजल पर 15.44 रुपए का नुकसान उठाना पड़ता है. कंपनियों की राय है कि इस घाटे को तीन हिस्सों में बांटा जाए जिनमें एक हिस्सा उपभोक्ताओं पर डाला जाए, एक हिस्सा तेल पर कस्टम ड्यूटी खत्म करके पूरा किया जबकि एक हिस्से का भार ओएनजीसी पर डाला जाए.
सूत्रों का कहना है कि तेल मंत्रालय कच्चे तेल के आयात पर कस्टम ड्यूटी खत्म करने के पक्ष में है.
ग़ौरतलब है कि मध्य मई में सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दामों में पांच रुपए प्रति लीटर बढ़ाया था.
मनमोहन सिंह के दोबारा प्रधानमंत्री चुने जाने से लेकर अब तक पेट्रोल की कीमतों में 23 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो चुका है. यानी सिंह को दोबारा पीएम चुने जाने के बाद पेट्रोल पहले की तुलना में 55 फीसदी महंगा हो चुका है.
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