. अनचाहे दिक्कत पैदा करने वाली स्थितियों के बावजूद डेटा का सुरक्षित लेन-देन कैसे हो, क्रिप्टोलॉजी इसी चुनौती से जूझने की कला है. हालांकि इस तरह की व्यवस्था द्वितीय विश्व युद्ध से ही शुरू हो गई थी, लेकिन वक्त के साथ क्रिप्टोलॉजी के संदेश गूढ़ होते गए. क्रिप्टोलॉजी में गणित की प्रमेय और कंप्यूटर विज्ञान के जरिए पासवर्ड या ‘एंट्री-की’ की ऐसी जटिल गुत्थियां तैयार की जाती हैं, जिन्हें अनधिकृत शक्ति खोल न सके. शब्द, अंक और संकेतों से गूंथ कर बने ऐसे कूट संदेश ऊपरी तौर पर बेकार और उलझाऊ लग सकते हैं, मगर इन्हें बनाना और तोड़ निकालना खासी विशेषज्ञता की मांग रखता है. मसलन, अक्षरों को अंकों में बदलने और हर शब्द को उलट कर लिखने का बेहद आसान-सा नियम बनाते हुए यदि किसी क्रिप्टोग्राफी संदेश में manoj को उलट कर (7‘15’‘14’‘1’13) लिख दिया जाए तो अंकों की एक मुश्किल-सी दिखने वाली लड़ी तैयार हो जाएगी, जिसे तय फॉर्मूले के जरिए तो पढ़ना आसान होगा, लेकिन वैसे यह शब्द अबूझ पहेली बन जाएगा. अब अगर इस फॉर्मूले में शब्द बन जाने पर अपर और लोअर केस का क्रमबद्ध इस्तेमाल और तय अंतराल पर गणितीय संकेतों का प्रयोग और जोड़ दिया जाए तो छोटा-सा ‘manoj’शब्द दिमाग चकराने वाली भूल भुलैया में तब्दील हो जाएगा.
क्रिप्टोलॉजी क्या है
क्रिप्टोलॉजी संकेतों की भाषा का ऐसा शास्त्र है, जिसके बारे में हम सब कुछ-कुछ जानते हैं. बचपन में दोस्तों से
कोड और संकेतों से बात भी क्रिप्टोलॉजी का ही एक रूप थी। बच्चे अपनी तरह से बात छुपाने की कोशिश
करते हैं, बड़ों की दुनिया में बातें बड़ों की तरह और ज्यादा जटिल तरीकों से गुप्त रखी जाती हैं.
इसके अलग-अलग स्तर हैं.
सिर्फ इंसानी क्षमता को चुनौती देनी है तो इसका स्तर अलग होगा, लेकिन कंप्यूटर की बात और है.
कंप्यूटर के लिए क्रिप्टो की पहेली का यह स्वरूप और स्तर अलग और ज्यादा कठिन हो जाएगा.
मौजूदा दौर में क्रिप्टोलॉजी कितनी अहम है.
आज तकनीकी दौर में क्रिप्टोलॉजी सार्वभौमिक जरूरत है. देश एकदूसरे से सीमित सूचनाएं साङी करते हैं और
काफी जानकारियां रणनीतिक तौर पर छिपाते हैं. कंपनी जगत में भी प्रतिस्पर्धियों की सूचनाएं जानने और
अपनी जानकारियां बचाने की होड़ रहती है. यहां तक कि आम इंसान भी मोबाइल का इस्तेमाल करते वक्त
चाहता है कि कोई तीसरा उसकी बातें न सुन रहा हो. इन सब बातों का हल क्रिप्टोलॉजी में ही है.
क्रिप्टोलॉजी संकेतों की भाषा का ऐसा शास्त्र है, जिसके बारे में हम सब कुछ-कुछ जानते हैं. बचपन में दोस्तों से
कोड और संकेतों से बात भी क्रिप्टोलॉजी का ही एक रूप थी। बच्चे अपनी तरह से बात छुपाने की कोशिश
करते हैं, बड़ों की दुनिया में बातें बड़ों की तरह और ज्यादा जटिल तरीकों से गुप्त रखी जाती हैं.
इसके अलग-अलग स्तर हैं.
सिर्फ इंसानी क्षमता को चुनौती देनी है तो इसका स्तर अलग होगा, लेकिन कंप्यूटर की बात और है.
कंप्यूटर के लिए क्रिप्टो की पहेली का यह स्वरूप और स्तर अलग और ज्यादा कठिन हो जाएगा.
मौजूदा दौर में क्रिप्टोलॉजी कितनी अहम है.
आज तकनीकी दौर में क्रिप्टोलॉजी सार्वभौमिक जरूरत है. देश एकदूसरे से सीमित सूचनाएं साङी करते हैं और
काफी जानकारियां रणनीतिक तौर पर छिपाते हैं. कंपनी जगत में भी प्रतिस्पर्धियों की सूचनाएं जानने और
अपनी जानकारियां बचाने की होड़ रहती है. यहां तक कि आम इंसान भी मोबाइल का इस्तेमाल करते वक्त
चाहता है कि कोई तीसरा उसकी बातें न सुन रहा हो. इन सब बातों का हल क्रिप्टोलॉजी में ही है.
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अच्छी जानकारी शुक्रिया मनोज जी.
ReplyDeleteपोस्ट पर राय के आभार शिवम् जी.
ReplyDeleteज्ञानवर्धक जानकारी गुरु जी आपका शुक्रिया.
ReplyDeleteलाभ दायक जानकारी धन्यवाद मनोज जी रक्छाबधन की शुभकामनायें.
ReplyDeleteज्ञानवर्धक व् उपयोगी जानकारी भाई बहन के इस पावन अवसर पर आप को बधाई.
ReplyDeleteउपयोगी आलेख मनोज जी की रक्षाबंधन शुभकनाओ सहित आभार.
ReplyDeleteज्ञानवर्धक जानकारी भाई बहन के इस पावन अवसर रक्षाबंधन पर आप को बधाई.
ReplyDeleteGreat..
ReplyDeleteहेकरो से सभी परेशान हे शायद आपकी यह पोस्ट उनको परेशान करने वाली है आपको राखी पर्व की शुभकामनाये
ReplyDeleteयूनिक तकनीकी ब्लाग
लाभदायक जानकारी है आज भी आपके पोस्ट में ,
ReplyDeleteज्ञान का अम्बार लगा है आपके इस ब्लॉग में.
रक्षा बंधन की शुभकामना.साथ ही मै कई दिन से ये पूछना चाह रहा था की ब्लॉग पर ऑडियो पोस्ट कैसे करते हैं.अगर इस बारे में आप तफसील से बतायेंगे तो बेहतर होगा.और पोस्ट करेंगे तो सबसे ही अच्छा.मैंने कुछ ब्लॉग पर देखा है की ऑडियो अपलोड किये हुए हैं.और डाऊनलोड की सुविधा भी दी हुई है.इस बारे में कुछ जानकारी दें.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
शानदार तरीका बताया आपने आभार मनोज जी
ReplyDeleteलाभ दायक जानकारी आभार.
ReplyDeleteशानदार लेख सर हेंकर्स ने सभी को दुखी किया है आपके इस लेख से हम सभी को फायदा हुआ है.थैंक्स
ReplyDeleteसभी मेहरबान मित्रों का पोस्ट पर राय के लिए दिल से आभार.
ReplyDeleteभाई आमिर जी ब्लॉग पर संगीत लगाने के कई तरीके है.आप फीडबर्नर पर जाकर भी इसे अपने ब्लॉग पर लगा सकते है,पहले आप को किसी जगह मसलन गूगल साईट या डाक्स , इत्यादि पर अपने mp3 गाने स्टोर करने होगे व् उनका लिंक फीडबर्नर पर डालना होगा.ज्यादा जानकारी किसी पोस्ट के माध्यम से जल्द ही.
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