दिमाग को भी दें थोड़ा आराम
एकरसता से बचें - एकरसता हर चीज में नीरस कलेवर भर देती है इसलिए आपकी दिन चरिया में बदलाव होना बेहद जरूरी है। हर काम समय से करने के मूल मंत्र को परे रख कभी अपने को थोड़ा अव्यवस्थित भी करें। हर चीज में छोटे-छोटे बदलाव करने को आप तैयार रहें। अपने कमरे की साज सजा से लेकर अपने टीवी देखने के समय तक में भी।
मदद करें, मदद लें - जब भी आप किसी के काम आते हैं आपको मानसिक तौर पर काफी राहत मिलती है। इससे कम परिचित या अपरिचित लोगों के साथ आपका अपनापन भी बढ़ता है। यही बात मदद लेने को तैयार रहने की प्रवृाि के साथ भी है। मदद लेना या देना दोनों आपको सामाजिक बनाता है और सामाजिक बनना अकेलेपन की त्रासदी से दूर होने का सबसे बेहतर जरिया है।
शरीर पर भी ध्यान दें - स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग का निवास संभव है इसलिए संतुलित खाना खाएँ। रोजाना व्यायाम करें। खाने में फाइबर और विटामिन का खास खयाल रखें। कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को ठीक रखना आज की सबसे बड़ी समस्या है। जरूरी है कि तले-भुने और मीठे भोजन से बचें।
नशे से तौबा - नशीली चीजों से आप जितना दूर रहेंगे, आपका दिमाग उतना ही तरोताजा होगा। कई लोगों की यह गलत धारणा बन जाती है कि डि्रंक्स या कोई भी नशीली चीज लेने से दिमाग तरोताजा होता है जबकि वस्तुस्थिति इसके बिलकुल उलट है। मानसिक स्वास्थ्य खराब करने में नशीली चीजों का प्रभाव सबसे अधिक है।आपका अपनादोस्त मनोज जैसवाल
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