मनोज जैसवाल-एक अच्छी नींद हर मर्ज की दवा है। पर, मौजूदा दौर की आपाधापी ने इंसान से यह भी छीन लिया है। अव्यवस्थित जीवनशैली और काम के दबाव के कारण आज कई लोग भरपूर नींद भी नहीं ले पा रहे हैं। नवीनतम रिसर्च पर्याप्त नींद नहीं लेने वाले लोगों को सावधान करने के लिए काफी है।
नींद में सकारात्मक विचारों का प्रवाह
दिमागी बीमारी होने की आशंका
वहीं, नींद में खलल आपको चिड़चिड़ा और नकारात्मकता की ओर ले जाता है। विशेषकर कोई निर्णायक फैसले लेने में इंसान खुद को असमंजस की स्थिति में पाता है। रिसर्चरों का मानना है कि यह पहली बार सत्यापित हुआ है कि नींद में कमी से आप दिमागी रूप से कमजोर हो जाते हैं।
नींद में सकारात्मक विचारों का प्रवाह
ड्यूक यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों के मुताबिक जो लोग पर्याप्त नींद नहीं लेते, वे ज्यादा आशावादी होते हैं। विशेषकर ऐसे इंसान उचित और सही निर्णय लेने में हिचकिचाते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा दिमागी प्रक्रिया के कारण होता है। सोते समय दिमाग के खास हिस्से में सकारात्मक विचारों का प्रवाह होता है। इससे इंसान अच्छी नींद लेने के बाद तारोताजा महसूस कर सही निर्णयधारक बनता है।
दिमागी बीमारी होने की आशंका
वहीं, नींद में खलल आपको चिड़चिड़ा और नकारात्मकता की ओर ले जाता है। विशेषकर कोई निर्णायक फैसले लेने में इंसान खुद को असमंजस की स्थिति में पाता है। रिसर्चरों का मानना है कि यह पहली बार सत्यापित हुआ है कि नींद में कमी से आप दिमागी रूप से कमजोर हो जाते हैं।
very good
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