मनोज जैसवाल : इंटरनेट पर डॉट काम और डॉट जीओवी जैसे नाम वाली वेबसाइटों का दौर अब बीते जमाने की बात हो जाएगी, क्योंकि इसकी जगह अलग और दिलचस्प नाम जैसे गुड डॉट फूड, लरनोटो डॉट साल्सा या फिर ग्लासी डॉट लिपस्टिक आ जाएंगे।
वैश्विक इंटरनेट डोमेन सेवा नियामक इंटरनेट कॉर्पोरेशन एसाइन्ड नेम्स एंड नंबर्स (आईसीएएन) ने वेबसाइटों के लिए इंटरनेट पर नाम आवंटित करने की प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव का फैसला किया है।
नई प्रणाली में कंपनियां और सरकारी संगठन अपनी वेबसाइट के नाम के साथ डॉट कॉम और डॉट जीओवी लिखने की बाध्यता से मुक्त हो जाएंगे और इसकी बजाय अपनी पंसद के मुताबिक कोई भी नाम जैसे एप्पल या ऑरेंज कुछ भी लिख सकेंगे। आईसीएएन के निदेशक मंडल की सोमवार को सिंगापुर में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया।
संगठन के अध्यक्ष रॉड बेकस्ट्राम ने बैठक के बाद कहा- अब एक इतिहास रचा गया है। यह एक नए युग की शुरुआत है। नई प्रणाली से इंटरनेट पर दिखने वाली वेबसाइटों के पतों को एक नया रूप मिलेगा, जिससे सभी को फायदा होगा। आईसीएएन के मुताबिक नए डोमेन पतों के लिए आवेदन अगले वर्ष 12 जनवरी से स्वीकार किए जाएंगे और 2012 तक संभवतः नए डोमेन पते इंटरनेट पर नुमाया होने लगेंगे।
एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह होगा कि रूसी, चीनी और हिन्दी भाषा में डोमेन पते इन भाषाओं की लिपियों में भी सिरिलिक, कांजी और देवनागरी में उपलब्ध होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि डोमेन पतों में बदलाव का आवेदन करने वालों में कंपनियां और शहरी निकाय सबसे आगे होंगे।
उदाहरण के तौर पर कार कंपनी टोयोटा अपनी वेबसाइट के नाम के साथ डाट टोयोटा और न्यूयार्क शहर की महानगर पालिका अपने वेबसाइट के साथ डॉट न्यूयार्क जैसे शब्दों का प्रयोग करना पसंद कर सकती है
वैश्विक इंटरनेट डोमेन सेवा नियामक इंटरनेट कॉर्पोरेशन एसाइन्ड नेम्स एंड नंबर्स (आईसीएएन) ने वेबसाइटों के लिए इंटरनेट पर नाम आवंटित करने की प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव का फैसला किया है।
नई प्रणाली में कंपनियां और सरकारी संगठन अपनी वेबसाइट के नाम के साथ डॉट कॉम और डॉट जीओवी लिखने की बाध्यता से मुक्त हो जाएंगे और इसकी बजाय अपनी पंसद के मुताबिक कोई भी नाम जैसे एप्पल या ऑरेंज कुछ भी लिख सकेंगे। आईसीएएन के निदेशक मंडल की सोमवार को सिंगापुर में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया।
संगठन के अध्यक्ष रॉड बेकस्ट्राम ने बैठक के बाद कहा- अब एक इतिहास रचा गया है। यह एक नए युग की शुरुआत है। नई प्रणाली से इंटरनेट पर दिखने वाली वेबसाइटों के पतों को एक नया रूप मिलेगा, जिससे सभी को फायदा होगा। आईसीएएन के मुताबिक नए डोमेन पतों के लिए आवेदन अगले वर्ष 12 जनवरी से स्वीकार किए जाएंगे और 2012 तक संभवतः नए डोमेन पते इंटरनेट पर नुमाया होने लगेंगे।
एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह होगा कि रूसी, चीनी और हिन्दी भाषा में डोमेन पते इन भाषाओं की लिपियों में भी सिरिलिक, कांजी और देवनागरी में उपलब्ध होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि डोमेन पतों में बदलाव का आवेदन करने वालों में कंपनियां और शहरी निकाय सबसे आगे होंगे।
उदाहरण के तौर पर कार कंपनी टोयोटा अपनी वेबसाइट के नाम के साथ डाट टोयोटा और न्यूयार्क शहर की महानगर पालिका अपने वेबसाइट के साथ डॉट न्यूयार्क जैसे शब्दों का प्रयोग करना पसंद कर सकती है
very good post
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