मनोज जैसवाल : चीन के इंजीनियरों ने बीजिंग से शंघाई तक चलने वाली एक बुलेट ट्रेन का परीक्षण किया है.
सरकार का दावा है कि ये ट्रेन पाँच घंटे से भी कम समय में अपनी यात्रा पूरी कर लेगी.
चीन के इंजीनियरों ने बीजिंग से शंघाई तक चलने वाली एक बुलेट ट्रेन का परीक्षण किया है.
सरकार का दावा है कि ये ट्रेन पाँच घंटे से भी कम समय में अपनी यात्रा पूरी कर लेगी. 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने वाली इस ट्रेन में सरकारी अधिकारी, पत्रकार और कंपनी के अधिकारी सवार थे.
चीन की योजना है कि पूरे देश में इस तरह की तेज़ रफ़्तार ट्रेनें चलाई जाएँ.
इस परियोजना की लागत को लेकर कई सवाल उठाए जाते रहे हैं क्योंकि यह बहुत खर्चीली है. बीजिंग से शंघाई तक की इस बुलेट ट्रेन पर 215 अरब युआन (यानी लगगभ 1500 अरब रुपए) का ख़र्च आया है.
इसके अलावा सरकार ने शेष परियोजना के लिए 700 अरब युआन का प्रावधान और रखा है. इसके तहत 16 हज़ार किलोमीटर की रेल लाइनें बनाई जानी है और इसे वर्ष 2020 तक पूरा करना है.
इस परियोजना का विरोध करने वालों का कहना है कि सरकार ने ऐसी तेज़ रफ़्तार ट्रेनों के लिए बहुत अधिक पैसे ख़र्च कर दिए हैं जिसकी टिकटों की क़ीमत इतनी अधिक है कि उसे ज़्यादातर चीनी कामगार ख़रीद ही नहीं पाएँगे.
इसके जवाब में सरकार ने टिकटों की क़ीमत कम करने की घोषणा की है.
इस बुलेट ट्रेन में द्वितीय श्रेणी में यात्रा करने के लिए 555 युआन (लगभग चार हज़ार रुपए) की टिकट लेनी होगी जबकि बिज़नेस क्लास की टिकट के लिए लगभग 12 हज़ार रुपए देने होंगे.
चीन के रेल मंत्रालय के मुख्य इंजीनियर हू हुआवु का कहना है कि चीन का रेलवे अब दुनिया भर में आगे है.
उनका कहना है, "जो देश तेज़ रफ़्तार ट्रेन का निर्माण कर रहे हैं वो गुणवत्ता, निर्माण क्षमता और समन्वय की विधियों के मामले में चीन के अनुभव साझा कर सकते हैं."
ये ट्रेन गुरुवार से आम जनता के लिए शुरु हो जाएगी. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 90 वीं वर्षगाँठ से एक दिन पहले.
300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने वाली इस ट्रेन में सरकारी अधिकारी, पत्रकार और कंपनी के अधिकारी सवार थे.
चीन की योजना है कि पूरे देश में इस तरह की तेज़ रफ़्तार ट्रेनें चलाई जाएँ.
इस परियोजना की लागत को लेकर कई सवाल उठाए जाते रहे हैं क्योंकि यह बहुत खर्चीली है. बीजिंग से शंघाई तक की इस बुलेट ट्रेन पर 215 अरब युआन (यानी लगगभ 1500 अरब रुपए) का ख़र्च आया है.
इसके अलावा सरकार ने शेष परियोजना के लिए 700 अरब युआन का प्रावधान और रखा है. इसके तहत 16 हज़ार किलोमीटर की रेल लाइनें बनाई जानी है और इसे वर्ष 2020 तक पूरा करना है.
इस परियोजना का विरोध करने वालों का कहना है कि सरकार ने ऐसी तेज़ रफ़्तार ट्रेनों के लिए बहुत अधिक पैसे ख़र्च कर दिए हैं जिसकी टिकटों की क़ीमत इतनी अधिक है कि उसे ज़्यादातर चीनी कामगार ख़रीद ही नहीं पाएँगे.
इसके जवाब में सरकार ने टिकटों की क़ीमत कम करने की घोषणा की है.
इस बुलेट ट्रेन में द्वितीय श्रेणी में यात्रा करने के लिए 555 युआन (लगभग चार हज़ार रुपए) की टिकट लेनी होगी जबकि बिज़नेस क्लास की टिकट के लिए लगभग 12 हज़ार रुपए देने होंगे.
चीन के रेल मंत्रालय के मुख्य इंजीनियर हू हुआवु का कहना है कि चीन का रेलवे अब दुनिया भर में आगे है.
उनका कहना है, "जो देश तेज़ रफ़्तार ट्रेन का निर्माण कर रहे हैं वो गुणवत्ता, निर्माण क्षमता और समन्वय की विधियों के मामले में चीन के अनुभव साझा कर सकते हैं."
ये ट्रेन गुरुवार से आम जनता के लिए शुरु हो जाएगी. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 90 वीं वर्षगाँठ से एक दिन पहले.
(बी बी सी से साभार )
सरकार का दावा है कि ये ट्रेन पाँच घंटे से भी कम समय में अपनी यात्रा पूरी कर लेगी.
चीन के इंजीनियरों ने बीजिंग से शंघाई तक चलने वाली एक बुलेट ट्रेन का परीक्षण किया है.
सरकार का दावा है कि ये ट्रेन पाँच घंटे से भी कम समय में अपनी यात्रा पूरी कर लेगी. 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने वाली इस ट्रेन में सरकारी अधिकारी, पत्रकार और कंपनी के अधिकारी सवार थे.
चीन की योजना है कि पूरे देश में इस तरह की तेज़ रफ़्तार ट्रेनें चलाई जाएँ.
इस परियोजना की लागत को लेकर कई सवाल उठाए जाते रहे हैं क्योंकि यह बहुत खर्चीली है. बीजिंग से शंघाई तक की इस बुलेट ट्रेन पर 215 अरब युआन (यानी लगगभ 1500 अरब रुपए) का ख़र्च आया है.
इसके अलावा सरकार ने शेष परियोजना के लिए 700 अरब युआन का प्रावधान और रखा है. इसके तहत 16 हज़ार किलोमीटर की रेल लाइनें बनाई जानी है और इसे वर्ष 2020 तक पूरा करना है.
'महंगी टिकट'
पहली यात्रा
- बीजिंग से शंघाई
- दूरी - 1318 किमी
- रफ़्तार - 300 किमी/ घंटे
- समय लगा - चार घंटे 48 मिनट
इसके जवाब में सरकार ने टिकटों की क़ीमत कम करने की घोषणा की है.
इस बुलेट ट्रेन में द्वितीय श्रेणी में यात्रा करने के लिए 555 युआन (लगभग चार हज़ार रुपए) की टिकट लेनी होगी जबकि बिज़नेस क्लास की टिकट के लिए लगभग 12 हज़ार रुपए देने होंगे.
चीन के रेल मंत्रालय के मुख्य इंजीनियर हू हुआवु का कहना है कि चीन का रेलवे अब दुनिया भर में आगे है.
उनका कहना है, "जो देश तेज़ रफ़्तार ट्रेन का निर्माण कर रहे हैं वो गुणवत्ता, निर्माण क्षमता और समन्वय की विधियों के मामले में चीन के अनुभव साझा कर सकते हैं."
ये ट्रेन गुरुवार से आम जनता के लिए शुरु हो जाएगी. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 90 वीं वर्षगाँठ से एक दिन पहले.
300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने वाली इस ट्रेन में सरकारी अधिकारी, पत्रकार और कंपनी के अधिकारी सवार थे.
चीन की योजना है कि पूरे देश में इस तरह की तेज़ रफ़्तार ट्रेनें चलाई जाएँ.
इस परियोजना की लागत को लेकर कई सवाल उठाए जाते रहे हैं क्योंकि यह बहुत खर्चीली है. बीजिंग से शंघाई तक की इस बुलेट ट्रेन पर 215 अरब युआन (यानी लगगभ 1500 अरब रुपए) का ख़र्च आया है.
इसके अलावा सरकार ने शेष परियोजना के लिए 700 अरब युआन का प्रावधान और रखा है. इसके तहत 16 हज़ार किलोमीटर की रेल लाइनें बनाई जानी है और इसे वर्ष 2020 तक पूरा करना है.
इस परियोजना का विरोध करने वालों का कहना है कि सरकार ने ऐसी तेज़ रफ़्तार ट्रेनों के लिए बहुत अधिक पैसे ख़र्च कर दिए हैं जिसकी टिकटों की क़ीमत इतनी अधिक है कि उसे ज़्यादातर चीनी कामगार ख़रीद ही नहीं पाएँगे.
इसके जवाब में सरकार ने टिकटों की क़ीमत कम करने की घोषणा की है.
इस बुलेट ट्रेन में द्वितीय श्रेणी में यात्रा करने के लिए 555 युआन (लगभग चार हज़ार रुपए) की टिकट लेनी होगी जबकि बिज़नेस क्लास की टिकट के लिए लगभग 12 हज़ार रुपए देने होंगे.
चीन के रेल मंत्रालय के मुख्य इंजीनियर हू हुआवु का कहना है कि चीन का रेलवे अब दुनिया भर में आगे है.
उनका कहना है, "जो देश तेज़ रफ़्तार ट्रेन का निर्माण कर रहे हैं वो गुणवत्ता, निर्माण क्षमता और समन्वय की विधियों के मामले में चीन के अनुभव साझा कर सकते हैं."
ये ट्रेन गुरुवार से आम जनता के लिए शुरु हो जाएगी. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 90 वीं वर्षगाँठ से एक दिन पहले.
(बी बी सी से साभार )
very good news manoj ji
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