मनोज जैसवाल
मोबाइल नंबर पॉर्टेबिलिटी (एमएनपी) शुरू होने के पहले दिन यानी गुरुवार को देशभर में 21 हजार उपभोक्ताओं ने अपने सर्विस प्रवाइडर बदलने के लिए 1900 नंबर पर रिक्वेस्ट डाली। शुक्रवार को यह आंकड़ा 50 हजार से ज्यादा पहुंचने की संभावना है। वैसे, जानकारों का कहना है कि एमएनपी के तहत ऑपरेटर बदलने से बहुत बड़ा बदलाव नहीं आने वाला क्योंकि यहां अधिकतर कस्टमर प्रीपेड हैं।
दूरसंचार मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि एमएनपी लॉन्च होने के पहले ही दिन 21 हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं ने नए मोबाइल ऑपरेटर की सेवाएं लेने में दिलचस्पी दिखाई। इसमें दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान और गुजरात आदि नॉर्थ-वेस्ट जोन के कस्टमर ज्यादा हैं। नॉर्थ-वेस्ट जोन में पहले दिन 16 हजार उपभोक्ताओं ने 1900 नंबर पर एसएमएस किया। साउथ-ईस्ट जोन के तहत आने वाले मुंबई, कर्नाटक, केरल, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश आदि से केवल 5 हजार उपभोक्ताओं ने अपने मौजूदा ऑपरेटर को बदलने में रुचि दिखाई। बता दें कि एमएनपी के तहत देश को दो जोन (नॉर्थ-वेस्ट और साउथ-ईस्ट) में बांटा गया है।
अधिकारी का कहना था कि गुरुवार को एमएनपी योजना शाम 5 बजे लॉंच की गई थी, इसलिए ज्यादा लोग पहले दिन इसका प्रयोग नहीं कर पाए, लेकिन शुक्रवार को ऑपरेटर बदलने के इच्छुक लोगों आंकड़ा 50 हजार से अधिक पहुंचने की संभावना है। इसकी सही जानकारी शनिवार को ही मिल पाएगी।
इधर, सैल्युलर ऑपरेटर असोसिएशन ऑफ इंडिया के डायरेक्टर जनरल राजन मैथ्यू का कहना है कि भारत से पहले एमएनपी 45 देशों में लागू हो चुकी हैं लेकिन बहुत अधिक बदलाव कहीं देखने को नहीं मिला। भारत में तो इसका और भी कम असर दिखेगा क्योंकि यहां करीब 95 फीसदी प्रीपेड कस्टमर हैं जबकि अन्य देशों में पोस्ट-पेड कस्टमर ज्यादा हैं। मैथ्यू के मुताबिक, अन्य देशों में जब एमएनपी योजना शुरू हुई तो पहले दो-तीन महीने तक ऑपरेटर बदलने वालों का प्रतिशत 20 से 25 रहा, इसके बाद यह कम होता चला गया। इसी तरह भारत में लग रहा है कि शुरू के दो-तीन महीने में यहां ऑपरेटर बदलने वालों की संख्या 10 से 15 प्रतिशत के बीच रहेगी। इसके बाद यह सामान्य हो जाएगा।
जानकारों का कहना है कि भले ही एमटीएनएल और बीएसएनएल एमएनपी के मामले में गंभीरता बरत रहे हों, लेकिन अन्य ऑपरेटर नए कस्टमर्स को फिलहाल कोई स्पेशल डिस्काउंट नहीं दे रहे हैं। हालांकि ऐसे काफी कस्टमर हैं जो अपने मौजूदा ऑपरेटर से केवल इसलिए परेशान हैं कि कस्टमर केयर तक जाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। जब कस्टमर केयर ऑफिसर से बात करने के लिए काफी देर लाइन में लगना पड़ता है। इसके अलावा नेटवर्क प्रॉब्लम और कॉल ड्रॉप अन्य समस्याएं हैं। तमाम लोग कॉल की दरों को लेकर भी ऑपरेटर बदलने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
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