नंबर पोर्टेबिलिटी को लेकर है कोई सवाल तो जानें जवाब


मनोज जैसवाल -नई दिल्ली। मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी यानी एमएनपी सुविधा को लेकर आपके मन में कई सवाल होंगे। आपकी बेहतर जानकारी के लिए हमने कुछ सवाल और उनके जवाबों की फेहरिस्त तैयार की है जो आपकी उलझन को दूर करने में मददगार होगी।
सवाल- ऑपरेटर बदलने के लिए कितनी फीस लगेगी?
जवाब- ऑपरेटर बदलने के लिए 19 रुपये लगेंगे



सवाल- MNP की अर्जी दी लेकिन अब ऑपरेटर नहीं बदलना चाहते हैं तो क्या करें?
जवाब- 24 घंटे के अंदर अपनी अर्जी वापस ले सकते हैं, 19 रुपए की फीस नहीं होगी वापस।
सवाल- क्या नए ऑपरेटर को फिर से पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ देना होगा?
जवाब- हां, हर बार ऑपरेटर बदलते वक्त पहचान पत्र, फोटो और एड्रेस प्रूफ लगेगा।
सवाल- ऑपरेटर बदलने में कितना वक्त लगेगा?
जवाब- कम से कम 4 दिन और ज्यादा से ज्यादा 7 दिन लगेगा। 
सवाल- MNP के लिए पोस्टपेड ग्राहक क्या करें?
जवाब- आपको पुराने ऑपरेटर का बिल चुकाना होगा। MNP की अर्जी के साथ पिछला बिल लगाना होगा।
सवाल- चालू महीने का बिल बाकी हो तो भी ऑपरेटर बदल सकते हैं?
जवाब- हां, लेकिन पिछले ऑपरेटर के बिल को चुकाना जरूरी है, नहीं तो नया कनेक्शन कट जाएगा।
सवाल- क्या प्रीपेड ग्राहक अपना बैलेंस दूसरे ऑपरेटर को ट्रांसफर करवा सकते हैं?
जवाब- नहीं, बैलेंस इस्तेमाल नहीं करेंगे तो अपने आप खत्म हो जाएगा।
सवाल- क्या अपने सर्किल से बाहर ऑपरेटर बदल सकते हैं?
जवाब- जिस सर्किल का नंबर है, उसी में MNP का फायदा मिलेगा।
सवाल- क्या MNP में ऑपरेटर बदलने के बाद सिमकार्ड भी बदलेगा?
जवाब- हां, नया ऑपरेटर ग्राहक को नया सिम देगा। पुराने सिम पर नए ऑपरेटर की सर्विस शुरू नहीं होगी।
सवाल- क्या कोई CDMA कस्टमर GSM की सर्विस और ऐसे ही GSM वाले CDMA ऑपरेटर की सर्विस MNP के तहत बदल सकते हैं?
जवाब- हां, आप ऐसे सर्विस बदल सकते हैं।
सवाल- अगर पिछला कनेक्शन सिर्फ एक महीने भर पहले ही लिया है तो क्या ऑपरेटर बदल सकते हैं?
जवाब- नहीं, कनेक्शन के तीन महीने बाद ही ऑपरेटर बदलेगा।
सवाल- MNP के तहत ही दोबारा ऑपरेटर बदलने पर क्या कोई पाबंदी है?
जवाब- हां, आप तीन महीने बाद ही दोबारा अर्जी दे सकते हैं।
सवाल- क्या प्रीपेड/पोस्टपेड नंबर को पोस्टपेड/प्रीपेड में बदला जा सकता है?
जवाब- हां।
सवाल- MNP की अर्जी किस आधार पर खारिज हो सकती है?
जवाब- फॉर्म में गलत UPC कोड भरने पर, पोस्टपेड नंबर का पिछला बिल नहीं भरने पर, मोबाइल नंबर के मालिक बदलने की अर्जी लंबित होने पर, नए नंबर को 90 दिन पूरे ना होने पर, इंटर सर्किल पोर्टिंग की अर्जी देने पर और मौजूदा नंबर पर कोई कानूनी मामला दर्ज होने पर MNP की अर्जी खारिज हो सकती है।
सवाल- क्या ऑपरेटर बदलने के बाद MMS और GPRS सेटिंग दोबारा सेव करनी होगी?
जवाब- हां।
सवाल- ऑपरेटर बदलने के बाद कॉलर टोन फिर से सेट करनी होगी?
जवाब- हां, ये जरूरी है।
उम्मीद करते हैं कि इन सवालों के जवाब के साथ अब आपको एमएनपी सेवा का फायदा उठाने में आसानी होगी।


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