साउथ अफ्रीका के 220 रन के जवाब में भारत ने 10 गेंद शेष रहते ही 8 विकेट पर 223 रन बना लिए। भारत की ओर से यूसुफ पठान ने सर्वाधिक 59 रन बनाए। और गेंदबाजी में भी उन्होंने एबी डीविलियर्स का अहम विकेट हासिल किया। पठान को इस हरफनमौला प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच करार दिया गया। आईसीसी विश्वकप 2011 से पहले भारतीय टीम का पिछले दो वनडे मैचों में विजयी प्रदर्शन करोड़ों भारतीय प्रशंसकों के होठों पर मुस्कान बिखेर गया है। पहले मैच में 135 रन से हारने वाला भारत लगातार दो मैच जीत गया।
आखिर कौन सी बड़ी वजहें रहीं जिनसे मिली टीम इंडिया को जीत -
1. गेंदबाजों की लौटी लय - जोहानिसबर्ग और केपटाउन वनडे में मिली जीत के असली हीरो भारतीय गेंदबाज रहे। खासकर सीनियर गेंदबाजों ने अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए किफायती और सटीक गेंदबाजी की। इसका फायदा बल्लेबाजों को भी मिला।
पिछले दो मुकाबलों में टीम इंडिया के प्रमुख गेंदबाज जहीर खान और हरभजन सिंह का प्रदर्शन शानदार रहा है। जहीर ने तीन वनडे मैचों में 17.71 की बेहतरीन औसत से सात विकेट लिए हैं। वहीं भज्जी ने इतने ही मुकाबलों में 27 की औसत से चार विकेट चटकाए हैं। विश्वकप टीम में श्रीसंथ और इशांत शर्मा को पछाड़कर चुने गए मुनाफ पटेल ने तीन मैचों में 13 की औसत से 8 विकेट धराशाई किए हैं।
2. यूसुफ पठान का धमाका - पिछले दो मुकाबलों में टीम से बाहर रहे यूसुफ पठान ने केपटाउन वनडे में दिखा दिया कि उन्हें विश्वकप में रोहित शर्मा के ऊपर क्यों चुना गया। यूसुफ ने पहले एक अहम विकेट लिया और उसके बाद बल्लेबाजी में शानदार अर्धशतक जमाकर टीम को जीत दिला दी। यूसुफ के विस्फोटक अंदाज ने सबका दिल जीत लिया।
प्रोटीज कप्तान ग्रीम स्मिथ ने भी यूसुफ पठान की सराहना की। स्मिथ ने कहा, "ये बहुत निराशाजनक है। हमें कम से कम 20 रन और बनाने चाहिए थे। यूसुफ पठान की पारी ने पूरा मैच पलटकर रख दिया। पिच बल्लेबाजी के लिए मुश्किल थी लेकिन उसने शानदार बल्लेबाजी की।"
3. कभी भी जीतने का माद्दा - पहले कहा जाता था कि टीम में सचिन-सहवाग जैसे खिलाड़ी नहीं होंगे तो टीम नहीं जीत सकती। लेकिन ये यंगिस्तान है मेरी जान। युवा टीम इंडिया में ऐसे मैच विनर मौजूद हैं जो किसी भी स्थिति में टीम को जीत दिला सकते हैं। यूसुफ, मुनाफ, सुरेश रैना और हरभजन सिंह इसका उदाहरण हैं। इससे पहले घरू सीरीज में न्यूजीलैंड को सीनियर खिलाड़ियों के बगैर ही यंगिस्तान ने 5-0 से धो दिया था। अब विदेशी मैदानों पर भी टीम का ये रंग देखने को मिल रहा है।
4. जबर्दस्त फील्डिंग और जीतने का जज्बा - कहते हैं कैच मैच जिताते हैं। केपटाउन वनडे में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। फील्डिंग में सुस्त माने जाने वाले जहीर खान ने लॉन्ग ऑफ पर एबी डिविलियर्स का शानदार कैच लपककर कमाल कर दिया। डिविलियर्स यदि ज्यादा देर मैदान पर टिकते तो भारत के लिए लक्ष्य बढ़ सकता था। युवराज सिंह, सुरेश रैना, विराट कोहली और यूसुफ पठान की फुर्तीली फील्डिंग ने टीम के लिए बहुत रन बचाए। दक्षिण अफ्रीकी टीम की फील्डिंग काफी सुस्त दिखी। मेजबान टीम के खिलाडियों ने कई अहम कैच छोड़े जिनसे मैच का रुख पलट सकता था।
5. भज्जी कमाल के - हरभजन सिंह ने एक बार फिर अपने हरफनमौला खेल से सबको प्रभावित किया। हरभजन ने ना सिर्फ किफायती गेंदबाजी कर दो विकेट लिए बल्कि बल्लेबाजी में भी नाबाद 23 रन बनाए। भज्जी की इस पारी ने टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई।
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी हरभजन सिंह की तारीफ की। धोनी ने कहा, "भज्जी हमारे लिए एक ऑलराउंडर हैं, लेकिन हम उन पर ये कहकर दबाव नहीं डालना चाहते। मैंने सभी खिलाड़ियों को अपना स्वाभाविक खेल खेलने को कहा था और ये नुस्खा काम कर गया
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