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मनोज जैसवाल=एक तरफ सरकार देश के हर आदमी को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए वित्तीय समावेशन पर जोर दे रही है, तो दूसरी तरफ निजी बैंक बचत खाता खोलने के लिए न्यूनतम राशि मेंटेन करने की सीमा बढ़ाते जा रहे हैं। इस वजह से कम आय वालों के लिए निजी बैंकों से जुड़ना मुश्किल होता जा रहा है। निजी बैंक वित्तीय समावेशन के नाम पर नो फ्रिल खाते खोलने का प्रावधान तो करते हैं, पर उनकी पहुंच को देखते हुए वित्तीय समावेशन का लक्ष्य टेढ़ी खीर ही लग रहा है।
हालांकि इस मामले में सार्वजनिक बैंकों का रवैया बेहतर है। सार्वजनिक बैंक बचत खाता खोलने के लिए 250-1000 रुपये तक की न्यूनतम राशि लेते हैं। यह राशि मेंटेन न होने पर वे उपभोक्ता से 100-200 रुपये तक चार्ज करते हैं। इसके साथ ही वित्तीय समावेशन के लिए नो फ्रिल अकाउंट खोल रहे हैं और बिजनेस कॉरस्पॉडेंट भी बना रहे हैं। देश के प्रमुख निजी बैंक एचडीएफसी बैंक ने एक अप्रैल 2010 से बचत खाता मेंटेन करने के लिए औसत तिमाही बैलेंस की सीमा बढ़ा दी है। मेट्रो और शहरों (अर्बन) के ग्राहकों को अपने खाते में कम से कम 10,000 रुपये रखने पड़ेंगे। पहले यह सीमा 5,000 रुपये थी। इसी तरह छोटे शहरों (सेमी अर्बन) और ग्रामीण शाखाओं में जिनका खाता है उनके लिए न्यूनतम 5,000 रुपये मेंटेन करना अनिवार्य कर दिया गया है। बैंक ने एक ही तिमाही में दो बार चेक वापस होने पर 750 रुपये तक शुल्क लेने का भी प्रावधान किया है। अगर किसी तिमाही में आप न्यूनतम बैलेंस मेंटेन नहीं करते और आपका चेक भी बाउंस होता है तो आपको 400 रुपये चार्ज देना होगा। दूसरी बार चेक वापसी पर बैंक 800 रुपये का शुल्क लेगा।यही हाल आईसीआईसीआई बैंक का है। बैंक ने औसत तिमाही बैलेंस मेंटेन करने के लिए मेट्रो और शहरों के लिए न्यूनतम राशि 10,000 रुपये और छोटे शहरों और गांवों के लिए 5,000 रुपये की राशि तक की है। औसत तिमाही बैलेंस मेंटेन न करने पर बैंक 750 रुपये प्रति तिमाही शुल्क ग्राहकों से वसूलता है।
इसी तरह सिटी बैंक ने नवंबर 2009 से बचत खाता मेंटेन करने के लिए न्यूनतम राशि 10,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी है। बैंक ने इसे नेट रिलेशनशिप वैल्यू नाम दे रखा है। एक्सिस बैंक में ईजी एक्सेस सेविंग अकाउंट के तहत औसत तिमाही बैलेंस मेंटेन करने के लिए मेट्रो और शहरों में न्यूनतम 5,000 रुपये, छोटे शहरों में 2500 रुपये और गांवों में 1000 रुपये की राशि तय की गई है। इंडसइंड बैंक में बचत खाता खोलने पर आपको शहर की शाखा में 10,000 रुपये और ग्रामीण शाखा में 5,000 रुपये का औसत तिमाही बैलेंस मेंटेन करना होगा। बचत खाता मेंटेन करने के लिए न्यूनतम राशि की सीमा अधिक रखने पर इन बैंकों का कहना है कि वे सार्वजनिक बैंकों की तुलना में ज्यादा सुविधाएं देते हैं। इस वजह से उनकी लागत ज्यादा पड़ती है।manojjaiswalpbt@gmai.कॉम यह वीडियो गाना देखे
मनोज जैसवाल=एक तरफ सरकार देश के हर आदमी को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए वित्तीय समावेशन पर जोर दे रही है, तो दूसरी तरफ निजी बैंक बचत खाता खोलने के लिए न्यूनतम राशि मेंटेन करने की सीमा बढ़ाते जा रहे हैं। इस वजह से कम आय वालों के लिए निजी बैंकों से जुड़ना मुश्किल होता जा रहा है। निजी बैंक वित्तीय समावेशन के नाम पर नो फ्रिल खाते खोलने का प्रावधान तो करते हैं, पर उनकी पहुंच को देखते हुए वित्तीय समावेशन का लक्ष्य टेढ़ी खीर ही लग रहा है।
हालांकि इस मामले में सार्वजनिक बैंकों का रवैया बेहतर है। सार्वजनिक बैंक बचत खाता खोलने के लिए 250-1000 रुपये तक की न्यूनतम राशि लेते हैं। यह राशि मेंटेन न होने पर वे उपभोक्ता से 100-200 रुपये तक चार्ज करते हैं। इसके साथ ही वित्तीय समावेशन के लिए नो फ्रिल अकाउंट खोल रहे हैं और बिजनेस कॉरस्पॉडेंट भी बना रहे हैं। देश के प्रमुख निजी बैंक एचडीएफसी बैंक ने एक अप्रैल 2010 से बचत खाता मेंटेन करने के लिए औसत तिमाही बैलेंस की सीमा बढ़ा दी है। मेट्रो और शहरों (अर्बन) के ग्राहकों को अपने खाते में कम से कम 10,000 रुपये रखने पड़ेंगे। पहले यह सीमा 5,000 रुपये थी। इसी तरह छोटे शहरों (सेमी अर्बन) और ग्रामीण शाखाओं में जिनका खाता है उनके लिए न्यूनतम 5,000 रुपये मेंटेन करना अनिवार्य कर दिया गया है। बैंक ने एक ही तिमाही में दो बार चेक वापस होने पर 750 रुपये तक शुल्क लेने का भी प्रावधान किया है। अगर किसी तिमाही में आप न्यूनतम बैलेंस मेंटेन नहीं करते और आपका चेक भी बाउंस होता है तो आपको 400 रुपये चार्ज देना होगा। दूसरी बार चेक वापसी पर बैंक 800 रुपये का शुल्क लेगा।यही हाल आईसीआईसीआई बैंक का है। बैंक ने औसत तिमाही बैलेंस मेंटेन करने के लिए मेट्रो और शहरों के लिए न्यूनतम राशि 10,000 रुपये और छोटे शहरों और गांवों के लिए 5,000 रुपये की राशि तक की है। औसत तिमाही बैलेंस मेंटेन न करने पर बैंक 750 रुपये प्रति तिमाही शुल्क ग्राहकों से वसूलता है।
इसी तरह सिटी बैंक ने नवंबर 2009 से बचत खाता मेंटेन करने के लिए न्यूनतम राशि 10,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी है। बैंक ने इसे नेट रिलेशनशिप वैल्यू नाम दे रखा है। एक्सिस बैंक में ईजी एक्सेस सेविंग अकाउंट के तहत औसत तिमाही बैलेंस मेंटेन करने के लिए मेट्रो और शहरों में न्यूनतम 5,000 रुपये, छोटे शहरों में 2500 रुपये और गांवों में 1000 रुपये की राशि तय की गई है। इंडसइंड बैंक में बचत खाता खोलने पर आपको शहर की शाखा में 10,000 रुपये और ग्रामीण शाखा में 5,000 रुपये का औसत तिमाही बैलेंस मेंटेन करना होगा। बचत खाता मेंटेन करने के लिए न्यूनतम राशि की सीमा अधिक रखने पर इन बैंकों का कहना है कि वे सार्वजनिक बैंकों की तुलना में ज्यादा सुविधाएं देते हैं। इस वजह से उनकी लागत ज्यादा पड़ती है।manojjaiswalpbt@gmai.कॉम यह वीडियो गाना देखे
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