मनोज जैसवाल
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उल्टा पुल्टा के लिय
वाराणसी। | |
Story Update : मनोज जैसवाल | |
गांधी परिवार के सदस्य और भाजपा के तेजतर्रार युवा सांसद रविवार को यामिनी रायचौधरी के साथ परिणय सूत्र में बंधेंगे। विवाह की मंगल रस्म शनिवार को वाराणसी के हनुमान घाट गली में स्थित कांची मठ में शुरू हो गई। कांची पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी जयेंद्र सरस्वती महाराज के सान्निध्य में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच वैवाहिक कार्यक्रम का श्रीगणेश हुआ। विशेष बातचीत में शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती ने कहा कि वह नेग (दक्षिणा) में वरुण से सिर्फ राष्ट्ररक्षा का संकल्प लेंगे। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बांधा कंगन मोक्षपुरी काशी में शगुन की रस्म के साथ ही शनिवार की शाम कांची काम कोटि पीठम में इस हाई प्रोफाइल जोड़ी की शादी की बधाई गूंज उठी। दो दिल ही नहीं, परंपराएं और संस्कार भी बांहें पसार कर मिले। वर-वधू के अलावा गिनती के पारिवारिक सदस्यों और 30 अन्य मेहमानों के बीच शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती ने मेनका की होनेवाली बहूरानी यामिनी को मुक्त कंठ से अचल सुहाग का आशीर्वाद दिया। कांची पीठाधीश्वर ने कराया श्रीगणेश इससे पहले कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच मेनका गांधी, वरुण गांधी, यामिनी और उनकी मां अरुणा रायचौधरी सायं करीब 4 बजे कांची मठ पहुंचीं। मंगल कर्मकांड की शुरुआत सनातनी परंपरा के अनुसार विवाह से पूर्व वर और कन्या को एक साथ कंगन बांधा गया। मेनका ने हल्दी की पांच गांठ और लगन पत्रिका यामिनी की मां अरुणा राय को प्रदान की। शुभ के लिए उन्होंने भी हल्दी की पांच गांठें मेनका गांधी को सौंपीं। मेनका गांधी ने कहा कि वह बनारस में बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ का आशीर्वाद लेने आई हैं। होटल में भव्य डिनर पार्टी हुई। बताया गया कि खाने का मेन्यू पूरी तरह शाकाहारी रखा गया था। मेनका-वरुण के निजी सचिव आनंद चौधरी ने बताया कि कमला नेहरू के बाद यह पहला मौका है जब ब्राह्मण कन्या वधू रूप में गांधी परिवार में आ रही है। तेल-हल्दी, मातृपूजन से लेकर कन्यादान तक की रस्में रविवार को होंगी। manojjaiswalpbt@gmail.com |
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