मनोज जैसवाल : बेंगलुरु। केरल के पद्मनभास्वामी मंदिर के दो तहखानों में मिले खजाने की कीमत 50,000 करोड़ पहुंच चुकी है। अभी एक और तहखाने का खुलना बाकी है। अनुमान है कि मंदिर में मिलने वाले खजाने की कीमत 1 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। इन बातों से एक सवाल यह भी उठने लगा है कि क्या केरल के भगवान अनंत पद्मनाभम तिरुमाला के भगवान तिरुपत से ज्यादा अमीर हैं? यानी क्या विश्व के सबसे धनवान मंदिर तिरुपति से ज्यादा धन इस मंदिर में है?
पद्मनभास्वामी मंदिर में मिले खजाने को देखें तो लगेगा जैसे कोई सोने की खान हाथ लग गई हो। इस खजाने के मिलने के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि मंदिर ट्रस्ट के पास करीब 70 हजार करोड़ रुपए के ऊपर सोने के जेवरात हैं। यानी तिरुपति मंदिर ट्रस्ट से ज्यादा। वर्तमान में तिरुपति मंदिर के पास सोने की कीमत करीब 52 हजार करोड़ रुपए है, और इसी वजह से इसे दुनिया का सबसे धनवान मंदिर कहा जाता है।
खजाने में मिली वस्तुओं में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहा 18 फुट लंबा सोने का हार है, जो 10.5 किलो का है। करीब 536 किलो सोने के भारतीय सिक्के, 20 किलो सोने के ब्रिटिश सिक्के। यह सब शुक्रवार को मिला।
इसमें तमाम सिक्के नेपोलियन के जमाने के हैं। ढेर सारे हीरे व दुलर्भ पत्थर भी इस खजाने में हैं। राज्य सरकार इस खजाने को सरकारी संपत्ति घोषित करने की तैयारी कर रही है। उम्मीद है सोमवार तक खजाने की कीमत की गणना पूरी हो जायेगी। माना जा रहा है कि यह कीमत 1000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है।
केरल सरकर ने फिलहाल मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी है। मंदिर की संपत्ति को राज्य संपत्ति घोषित करने को लेकर सरकार फिलहाल कुछ नहीं कर सकती, क्योंकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
इस मंदिर का निर्माण 18वीं सदी में ट्रैवनकोर साम्राज्य के राजा मार्तंड वर्मा ने बनवाया था। तिरुवनंतपुरम का नाम भी मंदिर के भगवान अनंत पद्मनाभन के नाम पर पड़ा।
तिरुअनंतपुरमके भगवान पद्मनाभ मंदिर में मिले खजाने से सभी ताज्जुब में हैं। जानकारों के मुताबिक खज़ाने की खोज करने वाले लोगों की नजर में यह खजाना अब तक मिले सभी खज़ानों में शायद सबसे ज्यादा कीमत का होगा। देश के अन्य बड़े और प्रसिद्ध मंदिरों की संपत्ति पर एक नजर—
शिरडी साईं बाबा मंदिर निवेश- 4 अरब 27 करोड़ गहने-जवाहरात : 32.24 करोड़ 2009-10 में आय : 1 अरब 65 करोड़ आय के स्रोत : किराया, बैंक जमाओं से ब्याज, निवेश और दान
माता वैष्णो देवी, जम्मू रोजाना की आय : तकरीबन 40 करोड़ सालाना आय : 500 करोड़
गुरुवयूर कृष्ण मंदिर, केरल घोषित संपत्ति : 125 करोड़ की एफडी सालाना आय : 2.5 करोड़ रुपए
सिद्धि विनायक मंदिर, मुंबई सालाना आय : 46 करोड़ रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट : 125 करोड़ रुपए
तिरुपति बालाजी फिक्स्ड डिपॉजिट : 1000 करोड़ से ज्यादा (विभिन्न बैंकों में)
सालाना आय : 600 करोड़ रुपए से ज्यादा
हुंडियों से आय- 75 लाख प्रतिदिन
खास मौकों पर प्रति दिन आय : 1.8 करोड़ रुपए तक
50 हजार श्रद्धालु हर दिन, खास मौकों पर 4.5 लाख तक
खास: 1750 के दशक में ईस्ट इंडिया कंपनी ने हर साल 25000 पाउंड मंदिर से कमाए।
बेल्लारी के रेड्डी बंधुओं ने हीरों से जड़ा 16 किलो का स्वर्ण मुकुट चढ़ाया था जिसकी कीमत तकरीबन 15 करोड़ थी। क्या मंदिरों की बढ़ती इस संपत्ति का उपयोग समाज और राष्ट्रहित में करना चाहिए? आप यहां अपनी राय पूरी दुनिया से शेयर कर सकते हैं।
देखिए तस्वीरें
सबसे अच्छा है मंदिर का पुजारी बन जाये.सुन्दर जानकारी ब शानदार फोटो थंक्स मनोज जी.
ReplyDeleteshandar news very good manoj ji
ReplyDeleteबेहद शानदार पोस्ट के लिए बधाई मनोज जी
ReplyDeleteख़ूबसूरत पोस्ट मनोज जी
ReplyDeleteबेहद शानदार पोस्ट.सुन्दर जानकारी ब शानदार फोटो बधाई मनोज जी.
ReplyDeleteबेहद सुन्दर पोस्ट मनोज जी
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