अर्मेनिया के पहाड़ों में एक गुफा में दुनिया का सबसे पुराना वाइन (शराब) का कारखाना मिला है। लॉस एंजिल्स की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की टीम ने यह रिसर्च किया है।
रिसर्च टीम के डायरेक्टर ग्रेगोरी एरेशिअन कहते हैं कि इससे पहले वाइन पीने के सबूत मिले थे, लेकिन यहां वाइन बनाने की पूरी प्रक्रिया मिली है, वो भी अब तक की सबसे पुरानी।
यहां पर उन्हें अंगूर दबाकर रस निकालने के यंत्र, उन्हें सड़ाकर सिरका बनाने के जार, पीने के कप और प्याले भी मिले हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार यह कारखाना 6100 साल पुराना है।
फिलाडेल्फिया के यूनिवर्सिटी ऑफ फिलाडेल्फिया म्यूजियम के साइंटिफिक डायरेक्टर पैट्रिक मैकगवर्न कहते हैं कि इसमें कोई शक नहीं कि ये वाइन बनाने की सुविधा थी।
पैट्रिक इस रिसर्च टीम का हिस्सा नहीं थे, लेकिन वे इस विषय पर अनकॉर्किंग द पास्ट नामक किताब लिख चुके हैं। पुरातत्व शास्त्रियों के अनुसार गुफा में तीन फीट गहरी नाली भी बनी है।
इसमें से लिक्विड बहकर हौज में जाता होगा। यहां पर यूरेशियन अंगूरों से वाइन बनाई जाती थी। अर्मेनिया के इसी इलाके में पिछले साल 5500 साल पुराना चमड़े का जूता भी मिला था। इस इलाके को एरिने-1 कहते हैं।
रिसर्च टीम को यहां से उस दौर के अंगूरों के बीज, दबे हुए अंगूरों के अवशेष और बड़ी मात्रा में सूख चुकी वाइन मिली है। ये बीज विटिस विनिफेरा अंगूरों के थे। आज भी इन्हीं अंगूरों से वाइन बनाई जाती है।
इससे पहले ऐसे अवशेष मिस्त्र के राजा स्कॉर्पिअन प्रथम के मकबरे से मिले थे। ये करीब 5100 साल पुराने थे। इन कारखानों के पास बहुत सी कब्रें भी हैं, जिसे देखकर कहा जा रहा है कि उस दौर में वाइन पीना अंतिम संस्कार का हिस्सा रहा होगा।
रिसर्च टीम के डायरेक्टर ग्रेगोरी एरेशिअन कहते हैं कि इससे पहले वाइन पीने के सबूत मिले थे, लेकिन यहां वाइन बनाने की पूरी प्रक्रिया मिली है, वो भी अब तक की सबसे पुरानी।
यहां पर उन्हें अंगूर दबाकर रस निकालने के यंत्र, उन्हें सड़ाकर सिरका बनाने के जार, पीने के कप और प्याले भी मिले हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार यह कारखाना 6100 साल पुराना है।
फिलाडेल्फिया के यूनिवर्सिटी ऑफ फिलाडेल्फिया म्यूजियम के साइंटिफिक डायरेक्टर पैट्रिक मैकगवर्न कहते हैं कि इसमें कोई शक नहीं कि ये वाइन बनाने की सुविधा थी।
पैट्रिक इस रिसर्च टीम का हिस्सा नहीं थे, लेकिन वे इस विषय पर अनकॉर्किंग द पास्ट नामक किताब लिख चुके हैं। पुरातत्व शास्त्रियों के अनुसार गुफा में तीन फीट गहरी नाली भी बनी है।
इसमें से लिक्विड बहकर हौज में जाता होगा। यहां पर यूरेशियन अंगूरों से वाइन बनाई जाती थी। अर्मेनिया के इसी इलाके में पिछले साल 5500 साल पुराना चमड़े का जूता भी मिला था। इस इलाके को एरिने-1 कहते हैं।
रिसर्च टीम को यहां से उस दौर के अंगूरों के बीज, दबे हुए अंगूरों के अवशेष और बड़ी मात्रा में सूख चुकी वाइन मिली है। ये बीज विटिस विनिफेरा अंगूरों के थे। आज भी इन्हीं अंगूरों से वाइन बनाई जाती है।
इससे पहले ऐसे अवशेष मिस्त्र के राजा स्कॉर्पिअन प्रथम के मकबरे से मिले थे। ये करीब 5100 साल पुराने थे। इन कारखानों के पास बहुत सी कब्रें भी हैं, जिसे देखकर कहा जा रहा है कि उस दौर में वाइन पीना अंतिम संस्कार का हिस्सा रहा होगा।
manojjaiswalpbt@gmail.com
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