मनोज जैसवाल ॥ नई दिल्ली
हमारी प्यारी दुनिया के जल्द खत्म हो जाने का एक और संदेश आया है। हम पहले भी ' प्रलय ', ' महाविनाश ' की भविष्यवाणियां सुनते आए हैं , पर एक भी सच नहीं साबित हुई। इस बार ' सर्वनाश ' की भविष्यवाणी की है अमेरिकी धर्मोपदेशक हैरॉल्ड कैंपिंग ने। उनके मुताबिक 21 मई , 2011 को जीसस क्राइस्ट धरती पर दोबारा लौटने वाले हैं और इसी के साथ दुनिया के खत्म होने की शुरुआत हो जाएगी। 89 वर्षीय कैंपिंग वही शख्स हैं , जिसने 6 दिसंबर , 1994 को भी सर्वनाश की भविष्यवाणी की थी। उधर , फैमिली रेडियो के संस्थापक हैरॉल्ड की भविष्यवाणी को वैज्ञानिकों , भूगर्भशास्त्रियों और धार्मिक मामलों के जानकारों ने खारिज कर दिया है। दुबई में मजहबी समुदाय ने उनकी कैंपेन को गैरजिम्मेदाराना करार दिया है। ऐंगलिकन पादरी रेवरेंड मिलर ने कहा , ' कई ऐसे संप्रदाय हैं , जो चर्च का हिस्सा नहीं हैं और लोगों की संवेदनशीलता का फायदा उठाते हैं। ' आइये जानते हैं किस आधार पर इस अमेरिकी ने ' दुनिया के सर्वनाश ' की बात कही है :
बाइबल को बनाया आधार : हैरॉल्ड कैंपिंग ने ' द इंडिपेंडेंट ' को दिए इंटरव्यू में कहा , ' मैंने पवित्र बाइबल के 70 साल तक गहन अध्ययन के बाद एक सिस्टम तैयार किया है। जिसमें मैथमेटिक्स का इस्तेमाल कर बाइबल में छुपी भविष्यवाणियों की खोज की जाती है। 21 मई को 1 अप्रैल एडी ( आफ्टर डेथ ) 33 से 722,500 दिन हो जाएंगे। 1 अप्रैल एडी 33 वही दिन है , जब ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। 722,500 का आंकड़ा बेहद अहम है , इसकी प्राप्ति 5, 10 और 17 जैसे अंकों को आपस में दो बार गुणा करने से होती है। ये सभी पवित्र अंक हैं। '
क्या होने वाला है : कैंपिंग का कहना है , ' अमेरिकी समय के मुताबिक शाम लगभग 6 बजे तबाही आएगी। दुनिया की दो फीसदी आबादी को तुरंत स्वर्ग भेज दिया जाएगा। बाकी आबादी को दूसरी जगहों पर भेज दिया जाएगा , जहां उन्हें 153 दिनों तक , यानी 21 अक्टूबर से ठीक पहले तक मौत और खौफ का सामना करना होगा। ' 6 दिसंबर , 1994 के गलत अनुमान पर वह कहते हैं , ' उस वक्त मैंने सावधानीपूर्वक रिसर्च नहीं की थी , लेकिन अब बड़े स्तर पर अध्ययन और ईश्वर द्वारा दिए गए कुछ सबूतों के आधार पर मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि ऐसा होने वाला है। '
संकेत क्या हैं : हैरॉल्ड का कहना है , ' जापान , न्यूजीलैंड और हैती में आए भूकंप आने वाली तबाही के सूचक हैं। एक अहम वजह है बदलते सामाजिक मूल्य। चोरी - धोखाधड़ी , झूठ बोलना , दुष्टता और सेक्सुअल विकृतियां। मसलन गे प्राइड मूवमेंट। यह भी अंत का संकेत है , जिसे प्रभु ने भेजा है। '
पहले भी हुए हैं दावे : बाइबल टाइम्स के फिल स्टोन्स ने 2010 में सर्वनाश का दावा किया था। उन्होंने न्यू टेस्टामेंट के एक गौस्पेल को आधार बनाते हुए कहा था , ' जीसस के धरती पर दोबारा आने की तारीख दो हजार साल बाद आने वाली है। क्राइस्ट 12 की उम्र में प्रार्थना स्थल गए थे , क्राइस्ट इयर के अनुसार वह 12 वां साल था। यह तारीख 2010 में आने वाली है। ' लेकिन यह दावा गलत साबित हुआ। 2010 में भविष्यवाणी की गई कि इसी साल 2 अप्रैल को दुनिया खत्म हो जाएगी। यहां भी बाइबल की गणना को आधार बनाया गया।
manojjaiswalpbt@gmail.com
हमारी प्यारी दुनिया के जल्द खत्म हो जाने का एक और संदेश आया है। हम पहले भी ' प्रलय ', ' महाविनाश ' की भविष्यवाणियां सुनते आए हैं , पर एक भी सच नहीं साबित हुई। इस बार ' सर्वनाश ' की भविष्यवाणी की है अमेरिकी धर्मोपदेशक हैरॉल्ड कैंपिंग ने। उनके मुताबिक 21 मई , 2011 को जीसस क्राइस्ट धरती पर दोबारा लौटने वाले हैं और इसी के साथ दुनिया के खत्म होने की शुरुआत हो जाएगी। 89 वर्षीय कैंपिंग वही शख्स हैं , जिसने 6 दिसंबर , 1994 को भी सर्वनाश की भविष्यवाणी की थी। उधर , फैमिली रेडियो के संस्थापक हैरॉल्ड की भविष्यवाणी को वैज्ञानिकों , भूगर्भशास्त्रियों और धार्मिक मामलों के जानकारों ने खारिज कर दिया है। दुबई में मजहबी समुदाय ने उनकी कैंपेन को गैरजिम्मेदाराना करार दिया है। ऐंगलिकन पादरी रेवरेंड मिलर ने कहा , ' कई ऐसे संप्रदाय हैं , जो चर्च का हिस्सा नहीं हैं और लोगों की संवेदनशीलता का फायदा उठाते हैं। ' आइये जानते हैं किस आधार पर इस अमेरिकी ने ' दुनिया के सर्वनाश ' की बात कही है :
बाइबल को बनाया आधार : हैरॉल्ड कैंपिंग ने ' द इंडिपेंडेंट ' को दिए इंटरव्यू में कहा , ' मैंने पवित्र बाइबल के 70 साल तक गहन अध्ययन के बाद एक सिस्टम तैयार किया है। जिसमें मैथमेटिक्स का इस्तेमाल कर बाइबल में छुपी भविष्यवाणियों की खोज की जाती है। 21 मई को 1 अप्रैल एडी ( आफ्टर डेथ ) 33 से 722,500 दिन हो जाएंगे। 1 अप्रैल एडी 33 वही दिन है , जब ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। 722,500 का आंकड़ा बेहद अहम है , इसकी प्राप्ति 5, 10 और 17 जैसे अंकों को आपस में दो बार गुणा करने से होती है। ये सभी पवित्र अंक हैं। '
क्या होने वाला है : कैंपिंग का कहना है , ' अमेरिकी समय के मुताबिक शाम लगभग 6 बजे तबाही आएगी। दुनिया की दो फीसदी आबादी को तुरंत स्वर्ग भेज दिया जाएगा। बाकी आबादी को दूसरी जगहों पर भेज दिया जाएगा , जहां उन्हें 153 दिनों तक , यानी 21 अक्टूबर से ठीक पहले तक मौत और खौफ का सामना करना होगा। ' 6 दिसंबर , 1994 के गलत अनुमान पर वह कहते हैं , ' उस वक्त मैंने सावधानीपूर्वक रिसर्च नहीं की थी , लेकिन अब बड़े स्तर पर अध्ययन और ईश्वर द्वारा दिए गए कुछ सबूतों के आधार पर मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि ऐसा होने वाला है। '
संकेत क्या हैं : हैरॉल्ड का कहना है , ' जापान , न्यूजीलैंड और हैती में आए भूकंप आने वाली तबाही के सूचक हैं। एक अहम वजह है बदलते सामाजिक मूल्य। चोरी - धोखाधड़ी , झूठ बोलना , दुष्टता और सेक्सुअल विकृतियां। मसलन गे प्राइड मूवमेंट। यह भी अंत का संकेत है , जिसे प्रभु ने भेजा है। '
पहले भी हुए हैं दावे : बाइबल टाइम्स के फिल स्टोन्स ने 2010 में सर्वनाश का दावा किया था। उन्होंने न्यू टेस्टामेंट के एक गौस्पेल को आधार बनाते हुए कहा था , ' जीसस के धरती पर दोबारा आने की तारीख दो हजार साल बाद आने वाली है। क्राइस्ट 12 की उम्र में प्रार्थना स्थल गए थे , क्राइस्ट इयर के अनुसार वह 12 वां साल था। यह तारीख 2010 में आने वाली है। ' लेकिन यह दावा गलत साबित हुआ। 2010 में भविष्यवाणी की गई कि इसी साल 2 अप्रैल को दुनिया खत्म हो जाएगी। यहां भी बाइबल की गणना को आधार बनाया गया।
manojjaiswalpbt@gmail.com
एक भी सच नहीं
ReplyDeleteसब fame पाने का तरीका है
ReplyDeleteखुद का future तो पता नही ,दुनिया का जरूर रहेगा