मनोज जैसवाल-लखनऊ. भ्रष्टाचार के खिलाफ देशव्यापी मुहिम चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से तगड़ा झटका लगा है। अन्ना हजारे का एक मई को लखनऊ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के सदस्यों से मिलने का कार्यक्रम है। इसके लिए यूनिवर्सिटी का कांफ्रेंस हॉल बुक किया गया था लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब इसकी बुकिंग रद्द कर दी है।
एसोसिएशन के महासचिव डॉ. आर बी सिंह के मुताबिक अन्ना हजारे के साथ बैठक के लिए यूनिवर्सिटी का मालवीय कांफ्रेंस हॉल बुक किया गया था। उन्होंने मंगलवार को कहा, 'हम अन्ना हजारे और सिविल सोसायटी के अन्य सदस्यों से मिलने वाले थे लेकिन कुलपति ने आज हमें बताया कि हॉल की बुकिंग रद्द कर दी गई है।'
हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनी सफाई में कहा है कि किसी 'अप्रिय घटना' से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है। यूनिवर्सिटी के पीआरओ एस के द्विवेदी का कहना है, 'मालवीय हॉल में करीब 350 लोगों के बैठने की क्षमता है। लेकिन हमें लगता है कि इससे ज्यादा लोग जमा हो सकते हैं।'
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने हाल में जन लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने वाली संयुक्त समिति पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इसमें कोई दलित नहीं है। उन्होंने मसौदा समिति के पुनर्गठन की मांग करते हुए कहा था कि इसमें किसी एक दलित को भी शामिल किया जाना चाहिए।
अन्ना से कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सहित कई नेताओं ने कहा था कि वह उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करें। अन्ना अपनी देशव्यापी यात्रा भी उत्तर प्रदेश के वाराणसी से शुरू करने वाले हैं।
गौरतलब है कि लोकपाल बिल पर जनता का समर्थन हासिल करने के मकसद से अन्ना हजारे ने पिछले दिनों भ्रष्टाचार के खिलाफ देशव्यापी अभियान की शुरुआत करने का ऐलान किया था। अन्ना इस अभियान की शुरुआत अप्रैल के आखिर में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से शुरू करने वाले हैं। देश में जन लोकपाल बिल लाने की मांग को लेकर पिछले दिनों राजधानी दिल्ली में जंतर-मंतर पर
आमरण अनशन पर बैठे अन्ना हजारे ने ऐलान किया था कि वह देशभर में घूम-घूम कर भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम और इस बिल के प्रति लोगों को जागरुक करेंगे।
manojjaiswalpbt@gmail.com
एसोसिएशन के महासचिव डॉ. आर बी सिंह के मुताबिक अन्ना हजारे के साथ बैठक के लिए यूनिवर्सिटी का मालवीय कांफ्रेंस हॉल बुक किया गया था। उन्होंने मंगलवार को कहा, 'हम अन्ना हजारे और सिविल सोसायटी के अन्य सदस्यों से मिलने वाले थे लेकिन कुलपति ने आज हमें बताया कि हॉल की बुकिंग रद्द कर दी गई है।'
हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनी सफाई में कहा है कि किसी 'अप्रिय घटना' से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है। यूनिवर्सिटी के पीआरओ एस के द्विवेदी का कहना है, 'मालवीय हॉल में करीब 350 लोगों के बैठने की क्षमता है। लेकिन हमें लगता है कि इससे ज्यादा लोग जमा हो सकते हैं।'
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने हाल में जन लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने वाली संयुक्त समिति पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इसमें कोई दलित नहीं है। उन्होंने मसौदा समिति के पुनर्गठन की मांग करते हुए कहा था कि इसमें किसी एक दलित को भी शामिल किया जाना चाहिए।
अन्ना से कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सहित कई नेताओं ने कहा था कि वह उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करें। अन्ना अपनी देशव्यापी यात्रा भी उत्तर प्रदेश के वाराणसी से शुरू करने वाले हैं।
गौरतलब है कि लोकपाल बिल पर जनता का समर्थन हासिल करने के मकसद से अन्ना हजारे ने पिछले दिनों भ्रष्टाचार के खिलाफ देशव्यापी अभियान की शुरुआत करने का ऐलान किया था। अन्ना इस अभियान की शुरुआत अप्रैल के आखिर में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से शुरू करने वाले हैं। देश में जन लोकपाल बिल लाने की मांग को लेकर पिछले दिनों राजधानी दिल्ली में जंतर-मंतर पर
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