
रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि दो साल पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को लादेन तक चिट्ठियां पहुंचाने वाले अल कायदा के सदस्य की जानकारी मिली. इस शख्स को 'कुरियर' नाम से पुकारा जाता था. कुरियर अफगानिस्तान से चलता और फिर अचानक गायब हो जाता. कुछ महीनों पहले कुरियर अमेरिकी एजेंसियों को चकमा देने में नाकाम रहा. अमेरिकी जासूस बड़े गोपनीय ढंग से उसका पीछा करते हुए एबटाबाद तक पहुंच गए.
पता चला कि कुरियर एबटाबाद में शहर में घूमने फिरने के बाद हमेशा एक ही घर में जाता है. पाकिस्तान की सैन्य अकादमी से कुछ ही दूरी पर स्थित ये मकान शहर के सामान्य घरों से बेहद अलग था. 18 फुट ऊंची चारदीवारी वाला ये दो मंजिला मकान रहस्य की तरह था. आस पास के लोगों को उसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी. यह भी पता नहीं था कि वहां कौन रहता है, रहने वाला क्या करता है.
अमेरिकी खुफिया अधिकारियों को यहीं से शक होना शुरू हुआ कि शायद इस मकान में अल कायदा का प्रमुख ओसामा बिन लादेन छुपा है. इसी बीच किसी दूसरे सूत्र से भी अमेरिकी जासूसों को यहां लादेन के छुपे होने की जानकारी मिली. ये जानकारियां सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा तक पहुंचाई गईं. व्हाइट हाउस में पांच बैठकें हुई, तब जाकर ओबामा ने अधिकारियों को एबटाबाद में कार्रवाई करने के लिए हरी झंडी दी.
रविवार रात अमेरिकी सेना जब इस इमारत के करीब पहुंची तो लादेन के अरब अंगरक्षकों के फायरिंग शुरू कर दी. इमारत की छत से अमेरिकी सेना के हेलीकॉप्टर पर फायरिंग की गई. यहीं से शक सच्चाई में तब्दील हुआ. अमेरिकी जवानों की इस फायरिंग का जबदस्त ढंग से जवाब दिया और 40 मिनट के भीतर ही लादेन का खेल खत्म कर दिया. रिपोर्टों के मुताबिक हमले में लादेन और उसके तीन बेटे मारे गए हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां
संपादन: मनोज जैसवाल
good and very good
ReplyDeletenice post manoj ji
ReplyDeleteशानदार पोस्ट मनोज जी
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