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मनोज जैसवाल-नई दिल्ली. भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सख्त लोकपाल विधेयक बनाने और उसमें जनता की हिस्सेदारी की मांग को लेकर अन्ना हजारे का अनशन तीसरे दिन भी जारी है। अन्ना के साथ आने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसे देख कर सरकार में हलचल बढ़ गई है। बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने यह कह कर कि क्रिकेट से ज्यादा समर्थन अन्ना के आंदोलन को दिए जाने की जरूरत है, लोगों को अन्ना की अगुआई में शुरू हुई 'आजादी की दूसरी लड़ाई' से जुड़ने के लिए प्रेरित किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अन्ना हजारे से आमरण अनशन खत्म करने की अपील करते हुए कहा, 'अन्ना हजारे के आमरण अनशन से दुखी हूं। सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए दो विचार नहीं हो सकते हैं। अन्ना हजारे की ओर से उठाया गया मसला आम जनता की सबसे बड़ी चिंता है। उनके विचारों पर सरकार पूरा ध्यान देगी।' हालांकि अन्ना हजारे ने सोनिया की इस अपील को भी ठुकरा दिया है और कहा है कि वह अपनी सरकार को बिल में संशोधन के लिए कहें।
अन्ना शुरू से जुझारू इंसान रहे हैं। 1962 में चीन से युद्ध के बाद भारत सरकार की युवाओं से सेना में शामिल होने की अपील के बाद वह सेना में भर्ती हुए थे। पाकिस्तान के खिलाफ 1965 की जंग में भी वह शामिल रहे। इस जंग के बाद ही उन्होंने पूरा जीवन बिना विवाह किए समाज के कल्याण के लिए काम करने का संकल्प लिया था। उन्होंने जब भी अनशन किया है, सरकार को झुकना पड़ा है (पढ़ें रिलेटेड आर्टिकल में -सेना में ड्राइवर के तौर पर भर्ती हुए थे अन्ना, साढ़े तीन दशकों से कर रहे हैं समाजसेवा)। इसीलिए इस बार केंद्र सरकार में भी हड़कंप है।
जन लोकपाल बिल के लिए सरकार और अन्ना हजारे के समर्थकों के बीच चल रहा टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को सरकार और अन्ना समर्थकों के बीच दो दौर की बातचीत नाकाम हो गई। शुक्रवार को इस मुद्दे पर फिर बातचीत होगी। अन्ना और उनके समर्थकों ने सरकार के अधूरे प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया। सरकार की तरफ से मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और अन्ना हजारे की तरफ से स्वामी अग्निवेश एवं अरविंद केजरीवाल ने भाग लिया। दोनों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई। अन्ना समर्थक चाहते हैं कि बिल को तैयार करने के लिए जो समिति बने उसके चेयरमैन अन्ना हजारे हों, जबकि सरकार चाहती है कि चेयरमैन प्रणव मुखर्जी रहें।
कपिल सिब्बल इस बात के लिए तैयार हो गए कि 10 लोगों की कमिटी बनेगी, जिसमें 5 राजनेता और 5 सामाजिक संगठन के कार्यकर्ता होंगे। लेकिन इस कमिटी के लिए सरकार कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी करेगी। अन्ना समर्थक चाहते हैं कि कमिटी नोटिफिकेशन जारी कर बनाई जाए। इसके अलावा सरकार चाहती है कि कमिटी के चेयरमैन प्रणव मुखर्जी बनें, लेकिन अन्ना समर्थक चाहते हैं कि अन्ना हजारे कमिटी के चेयरमैन बनें। हालांकि अन्ना हजारे ने कमिटी का चेयरमैन बनने से इनकार कर दिया है।
इसके साथ ही अन्ना समर्थक बिल तैयार करने के लिए एक तय सीमा भी चाहते हैं , जबकि सरकार का कहना है कि वह इसकी कोशिश जरूर करेगी। अन्ना समर्थकों की इच्छा है कि 30 जून तक बिल तैयार हो जाए। अन्ना समर्थक इस बिल को संसद से मॉनसून सत्र में पास करवाना चाहते हैं।
दूसरी ओर, सरकार की तरफ से कपिल सिब्बल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमें उम्मीद है कि अन्ना और सरकार के बीच सहमति बन जाएगी। सरकार शुक्रवार की सुबह फिर बात करेगी। उन्होंने कहा कि अभी 2 मुद्दे, पहला, अन्ना को कमिटी का चेयरमैन बनाया जाए या नहीं और दूसरा, कमिटी के लिए नोटिफिकेशन जारी हो, के लिए हम अभी तैयार नहीं है। अब हम शुक्रवार की सुबह फिर अन्ना से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि बातचीत का कोई पॉजिटिव रिजल्ट जरूर निकलेगा।
'नेताओं को देनी होगी लोकतंत्र की ट्रेनिंग'
पिछले तीन दिनों से राजधानी दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर आमरण अनशन कर रहे अन्ना हजारे ने कहा, ‘जब तक भ्रष्टाचार निरोधक (जन लोकपाल) बिल पारित नहीं होगा, तब तक मेरा अनशन समाप्त नहीं होगा। देश में नेताओं को लोकतंत्र की ट्रेनिंग देने की जरूरत है। राजनेताओं को यह समझना होगा जनता मालिक है और वो जनता के सेवक हैं।’ उन्होंने जनलोकपाल बिल को लेकर देशभर से मिल रहे लोगों के समर्थन पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार को जनता की बात सुननी होगी और यदि राजनेताओं को जनता की भाषा समझ नहीं आती तो उन्हें इसका खामियाजा चुनावों में भुगतना पड़ेगा।
भ्रष्टाचार पर हल्ला बोलते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि गोपनीयता कानून के नाम पर सरकार ने कई गड़बडियों को छुपाने का प्रयास किया लेकिन आरटीआई एक्ट लागू होने के बाद देश में बड़े-बड़े घोटाले सामने आए लेकिन अभी कोई दोषी राजनेता जेल में नहीं गया। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट मंत्रियों को कैबिनेट में रहने का हक नहीं है।
'ड्राफ्ट समिति के लिए सरकार तैयार, बाकी मांगों पर नहीं'
अन्ना हजारे के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने स्वामी अग्निवेश के साथ केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री कपिल सिब्बल से गुरुवार को मुलाकात करने के बाद जंतर मंतर पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'सरकार लोकपाल विधेयक बनाने के लिए ड्राफ्ट समिति के गठन पर तैयार है। इस समिति में आधे सदस्य सिविल सोसाइटी से और आधे सरकार से होंगे।' मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित केजरीवाल ने मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'सरकार अन्य मांगों पर राजी नहीं है। सरकार से यह मांग की गई है कि जन लोकपाल विधेयक के सिलसिले में प्रस्तावित ड्राफ्ट समिति संसद के मॉनसून सत्र से पहले करीब 20 जून तक अपना ड्राफ्ट तैयार करके पेश करे। लेकिन कपिल सिब्बल किसी समय सीमा के लिए तैयार नहीं हैं। प्रस्तावित ड्राफ्ट समिति के लिए सरकार नोटिफिकेशन जारी करे। लेकिन सरकार इसके लिए राजी नहीं है। सिब्बल का कहना है कि सरकार इस समिति को अनौपचारिक ही बनाए रखना चाहती है। लेकिन हमारी मांग यह है कि यह समिति पूरी तरह से औपचारिक होनी चाहिए। वहीं, इस समिति के अध्यक्ष के रूप में सरकार ने वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का नाम आगे किया है। लेकिन हम इसके लिए तैयार नहीं हैं। हम चाहते हैं कि अन्ना हजारे इस समिति के अध्यक्ष बनें।'
बिगड़ सकती है हालत हजारे के डॉक्टर ने गुरुवार सुबह कहा कि अन्ना को रक्तचाप की हल्की शिकायत रहती है और यदि यह अनशन एक 2 दिन और चला तो उनकी हालत बिगड़ सकती है। हजारे के साथ महाराष्ट्र से नई दिल्ली आए डॉक्टर नवीन ने गुरुवार सुबह उनकी स्वास्थ्य जांच की।
लेकिन अन्ना अनशन तोड़ने को राजी नहीं हैं। उनके समर्थकों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर, बैंक पेशेवर, व्यवसायी, छात्र, युवा, वृद्ध सभी अन्ना के समर्थन में आगे आ रहे हैं। विदेशों में भी रह रहे भारतीय अन्ना के समर्थन में उपवास रख रहे हैं। वे सोशल साइटों के जरिए अपने अनशन की जानकारी दे रहे हैं।
अन्ना को राजी करने के लिए सरकार सक्रिय है। हजारे के प्रतिनिधि के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल और स्वामी अग्निवेश ने केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री कपिल सिब्बल से मुलाकात की और अन्ना की मांग को लेकर चर्चा की। इससे पहले कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उन्हें ताज़ा हालात की जानकारी दी थी।
ट्विटर पर हर सेकेंड दो संदेश, असांजे का वकील भी पहुंचा
देश के साढ़े चार सौ शहरों में लोग अन्ना के समर्थन में आगे आए हैं। मुंबई के आज़ाद मैदान, बेंगलुरु, अहमदाबाद, जम्मू, भोपाल, हैदराबाद, इलाहाबाद, लखनऊ समेत देश के कई शहरों में लोग हजारे के समर्थन में अनशन पर बैठे हुए हैं। कई लोग अपने दफ्तरों में काम कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने कम से कम एक दिन भोजन न करने का संकल्प लिया है। सोशल नेटवर्किंग साइटों-फेसबुक, ट्विटर पर अन्ना के समर्थन में संदेशों की बाढ़ आ गई है। ट्विटर जैसी माइक्रो साइट पर हर सेकेंड में दो संदेश लिखे जा रहे हैं। 40 हजार से ज़्यादा लोगों ने फेसबुक पर अन्ना हजारे का समर्थन किया है। उधर, मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक जूलियन असांजे का वकील भी अन्ना हजारे के समर्थन में जंतर-मंतर पहुंच गया है। इस बीच, मुंबई से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने आजाद मैदान से गेटवे ऑफ इंडिया अन्ना हजारे के समर्थकों को रोक दिया है।
'पीएम को रिमोट से कंट्रोल किया जा रहा है' गुरुवार को अन्ना हजारे ने कहा, 'प्रधानमंत्री को रिमोट कंट्रोल से नियंत्रित किया जा रहा है। इसी रिमोट ने उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने से रोक रखा है। प्रधानमंत्री अच्छे आदमी हैं, वे भ्रष्ट नहीं हैं। लेकिन रिमोट कंट्रोल से परेशानी हो रही है। जिन लोगों के हाथ में ताकत नहीं है, वे फैसले नहीं ले सकते हैं। हमारे प्रधानमंत्री के साथ यही समस्या है। थोड़ी कमजोरी के बावजूद मैं ठीक हूं। मैं और सात दिनों के लिए अनशन जारी रख सकता हूं। लेकिन मैं सत्य के रास्ते को कभी नहीं छोड़ूंगा। आप चिंता मत करिए, ईश्वर मेरे साथ है। पिछले 62 सालों में नेताओं ने इस देश को बर्बाद कर दिया है। कोई भी राजनीतिक दल ईमानदार नहीं है।'
टीम इंडिया से ज़्यादा अन्ना को समर्थन देने की जरूरत: आमिर
अन्ना हजारे को लगातार मिल रहे समर्थन के बीच बॉलीवुड के भी कलाकार आगे आए हैं। आमिर खान ने कहा है कि भ्रष्टाचार के विरोध में मजबूत कानून लाए जाने को लेकर अन्ना हजारे को विश्व कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम से ज़्यादा समर्थन की जरूरत है। 6 अप्रैल को अन्ना को लिखी गई चिट्ठी में आमिर ने उन्हें युवाओं के लिए आदर्श बताते हुए कहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री को भी चिट्ठी लिखकर अन्ना की मांग को मानने की अपील की है।
manojjaiswalpbt@gmail.com
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अन्ना हजारे से आमरण अनशन खत्म करने की अपील करते हुए कहा, 'अन्ना हजारे के आमरण अनशन से दुखी हूं। सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए दो विचार नहीं हो सकते हैं। अन्ना हजारे की ओर से उठाया गया मसला आम जनता की सबसे बड़ी चिंता है। उनके विचारों पर सरकार पूरा ध्यान देगी।' हालांकि अन्ना हजारे ने सोनिया की इस अपील को भी ठुकरा दिया है और कहा है कि वह अपनी सरकार को बिल में संशोधन के लिए कहें।
अन्ना शुरू से जुझारू इंसान रहे हैं। 1962 में चीन से युद्ध के बाद भारत सरकार की युवाओं से सेना में शामिल होने की अपील के बाद वह सेना में भर्ती हुए थे। पाकिस्तान के खिलाफ 1965 की जंग में भी वह शामिल रहे। इस जंग के बाद ही उन्होंने पूरा जीवन बिना विवाह किए समाज के कल्याण के लिए काम करने का संकल्प लिया था। उन्होंने जब भी अनशन किया है, सरकार को झुकना पड़ा है (पढ़ें रिलेटेड आर्टिकल में -सेना में ड्राइवर के तौर पर भर्ती हुए थे अन्ना, साढ़े तीन दशकों से कर रहे हैं समाजसेवा)। इसीलिए इस बार केंद्र सरकार में भी हड़कंप है।
जन लोकपाल बिल के लिए सरकार और अन्ना हजारे के समर्थकों के बीच चल रहा टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को सरकार और अन्ना समर्थकों के बीच दो दौर की बातचीत नाकाम हो गई। शुक्रवार को इस मुद्दे पर फिर बातचीत होगी। अन्ना और उनके समर्थकों ने सरकार के अधूरे प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया। सरकार की तरफ से मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और अन्ना हजारे की तरफ से स्वामी अग्निवेश एवं अरविंद केजरीवाल ने भाग लिया। दोनों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई। अन्ना समर्थक चाहते हैं कि बिल को तैयार करने के लिए जो समिति बने उसके चेयरमैन अन्ना हजारे हों, जबकि सरकार चाहती है कि चेयरमैन प्रणव मुखर्जी रहें।
कपिल सिब्बल इस बात के लिए तैयार हो गए कि 10 लोगों की कमिटी बनेगी, जिसमें 5 राजनेता और 5 सामाजिक संगठन के कार्यकर्ता होंगे। लेकिन इस कमिटी के लिए सरकार कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी करेगी। अन्ना समर्थक चाहते हैं कि कमिटी नोटिफिकेशन जारी कर बनाई जाए। इसके अलावा सरकार चाहती है कि कमिटी के चेयरमैन प्रणव मुखर्जी बनें, लेकिन अन्ना समर्थक चाहते हैं कि अन्ना हजारे कमिटी के चेयरमैन बनें। हालांकि अन्ना हजारे ने कमिटी का चेयरमैन बनने से इनकार कर दिया है।
इसके साथ ही अन्ना समर्थक बिल तैयार करने के लिए एक तय सीमा भी चाहते हैं , जबकि सरकार का कहना है कि वह इसकी कोशिश जरूर करेगी। अन्ना समर्थकों की इच्छा है कि 30 जून तक बिल तैयार हो जाए। अन्ना समर्थक इस बिल को संसद से मॉनसून सत्र में पास करवाना चाहते हैं।
दूसरी ओर, सरकार की तरफ से कपिल सिब्बल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमें उम्मीद है कि अन्ना और सरकार के बीच सहमति बन जाएगी। सरकार शुक्रवार की सुबह फिर बात करेगी। उन्होंने कहा कि अभी 2 मुद्दे, पहला, अन्ना को कमिटी का चेयरमैन बनाया जाए या नहीं और दूसरा, कमिटी के लिए नोटिफिकेशन जारी हो, के लिए हम अभी तैयार नहीं है। अब हम शुक्रवार की सुबह फिर अन्ना से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि बातचीत का कोई पॉजिटिव रिजल्ट जरूर निकलेगा।
'नेताओं को देनी होगी लोकतंत्र की ट्रेनिंग'
पिछले तीन दिनों से राजधानी दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर आमरण अनशन कर रहे अन्ना हजारे ने कहा, ‘जब तक भ्रष्टाचार निरोधक (जन लोकपाल) बिल पारित नहीं होगा, तब तक मेरा अनशन समाप्त नहीं होगा। देश में नेताओं को लोकतंत्र की ट्रेनिंग देने की जरूरत है। राजनेताओं को यह समझना होगा जनता मालिक है और वो जनता के सेवक हैं।’ उन्होंने जनलोकपाल बिल को लेकर देशभर से मिल रहे लोगों के समर्थन पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार को जनता की बात सुननी होगी और यदि राजनेताओं को जनता की भाषा समझ नहीं आती तो उन्हें इसका खामियाजा चुनावों में भुगतना पड़ेगा।
भ्रष्टाचार पर हल्ला बोलते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि गोपनीयता कानून के नाम पर सरकार ने कई गड़बडियों को छुपाने का प्रयास किया लेकिन आरटीआई एक्ट लागू होने के बाद देश में बड़े-बड़े घोटाले सामने आए लेकिन अभी कोई दोषी राजनेता जेल में नहीं गया। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट मंत्रियों को कैबिनेट में रहने का हक नहीं है।
'ड्राफ्ट समिति के लिए सरकार तैयार, बाकी मांगों पर नहीं'
अन्ना हजारे के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने स्वामी अग्निवेश के साथ केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री कपिल सिब्बल से गुरुवार को मुलाकात करने के बाद जंतर मंतर पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'सरकार लोकपाल विधेयक बनाने के लिए ड्राफ्ट समिति के गठन पर तैयार है। इस समिति में आधे सदस्य सिविल सोसाइटी से और आधे सरकार से होंगे।' मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित केजरीवाल ने मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'सरकार अन्य मांगों पर राजी नहीं है। सरकार से यह मांग की गई है कि जन लोकपाल विधेयक के सिलसिले में प्रस्तावित ड्राफ्ट समिति संसद के मॉनसून सत्र से पहले करीब 20 जून तक अपना ड्राफ्ट तैयार करके पेश करे। लेकिन कपिल सिब्बल किसी समय सीमा के लिए तैयार नहीं हैं। प्रस्तावित ड्राफ्ट समिति के लिए सरकार नोटिफिकेशन जारी करे। लेकिन सरकार इसके लिए राजी नहीं है। सिब्बल का कहना है कि सरकार इस समिति को अनौपचारिक ही बनाए रखना चाहती है। लेकिन हमारी मांग यह है कि यह समिति पूरी तरह से औपचारिक होनी चाहिए। वहीं, इस समिति के अध्यक्ष के रूप में सरकार ने वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का नाम आगे किया है। लेकिन हम इसके लिए तैयार नहीं हैं। हम चाहते हैं कि अन्ना हजारे इस समिति के अध्यक्ष बनें।'
बिगड़ सकती है हालत हजारे के डॉक्टर ने गुरुवार सुबह कहा कि अन्ना को रक्तचाप की हल्की शिकायत रहती है और यदि यह अनशन एक 2 दिन और चला तो उनकी हालत बिगड़ सकती है। हजारे के साथ महाराष्ट्र से नई दिल्ली आए डॉक्टर नवीन ने गुरुवार सुबह उनकी स्वास्थ्य जांच की।
लेकिन अन्ना अनशन तोड़ने को राजी नहीं हैं। उनके समर्थकों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर, बैंक पेशेवर, व्यवसायी, छात्र, युवा, वृद्ध सभी अन्ना के समर्थन में आगे आ रहे हैं। विदेशों में भी रह रहे भारतीय अन्ना के समर्थन में उपवास रख रहे हैं। वे सोशल साइटों के जरिए अपने अनशन की जानकारी दे रहे हैं।
अन्ना को राजी करने के लिए सरकार सक्रिय है। हजारे के प्रतिनिधि के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल और स्वामी अग्निवेश ने केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री कपिल सिब्बल से मुलाकात की और अन्ना की मांग को लेकर चर्चा की। इससे पहले कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उन्हें ताज़ा हालात की जानकारी दी थी।
ट्विटर पर हर सेकेंड दो संदेश, असांजे का वकील भी पहुंचा
देश के साढ़े चार सौ शहरों में लोग अन्ना के समर्थन में आगे आए हैं। मुंबई के आज़ाद मैदान, बेंगलुरु, अहमदाबाद, जम्मू, भोपाल, हैदराबाद, इलाहाबाद, लखनऊ समेत देश के कई शहरों में लोग हजारे के समर्थन में अनशन पर बैठे हुए हैं। कई लोग अपने दफ्तरों में काम कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने कम से कम एक दिन भोजन न करने का संकल्प लिया है। सोशल नेटवर्किंग साइटों-फेसबुक, ट्विटर पर अन्ना के समर्थन में संदेशों की बाढ़ आ गई है। ट्विटर जैसी माइक्रो साइट पर हर सेकेंड में दो संदेश लिखे जा रहे हैं। 40 हजार से ज़्यादा लोगों ने फेसबुक पर अन्ना हजारे का समर्थन किया है। उधर, मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक जूलियन असांजे का वकील भी अन्ना हजारे के समर्थन में जंतर-मंतर पहुंच गया है। इस बीच, मुंबई से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने आजाद मैदान से गेटवे ऑफ इंडिया अन्ना हजारे के समर्थकों को रोक दिया है।
'पीएम को रिमोट से कंट्रोल किया जा रहा है' गुरुवार को अन्ना हजारे ने कहा, 'प्रधानमंत्री को रिमोट कंट्रोल से नियंत्रित किया जा रहा है। इसी रिमोट ने उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने से रोक रखा है। प्रधानमंत्री अच्छे आदमी हैं, वे भ्रष्ट नहीं हैं। लेकिन रिमोट कंट्रोल से परेशानी हो रही है। जिन लोगों के हाथ में ताकत नहीं है, वे फैसले नहीं ले सकते हैं। हमारे प्रधानमंत्री के साथ यही समस्या है। थोड़ी कमजोरी के बावजूद मैं ठीक हूं। मैं और सात दिनों के लिए अनशन जारी रख सकता हूं। लेकिन मैं सत्य के रास्ते को कभी नहीं छोड़ूंगा। आप चिंता मत करिए, ईश्वर मेरे साथ है। पिछले 62 सालों में नेताओं ने इस देश को बर्बाद कर दिया है। कोई भी राजनीतिक दल ईमानदार नहीं है।'
टीम इंडिया से ज़्यादा अन्ना को समर्थन देने की जरूरत: आमिर
अन्ना हजारे को लगातार मिल रहे समर्थन के बीच बॉलीवुड के भी कलाकार आगे आए हैं। आमिर खान ने कहा है कि भ्रष्टाचार के विरोध में मजबूत कानून लाए जाने को लेकर अन्ना हजारे को विश्व कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम से ज़्यादा समर्थन की जरूरत है। 6 अप्रैल को अन्ना को लिखी गई चिट्ठी में आमिर ने उन्हें युवाओं के लिए आदर्श बताते हुए कहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री को भी चिट्ठी लिखकर अन्ना की मांग को मानने की अपील की है।
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